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पुलिस ने खोली जीएसटी अफसरों की आंखे, 1300 करोड़ का फर्जी देनदेन पकड़ा, जब्त फाइलों से खुलेंगे बडे नाम

LP Live, Muzaffarnagar:  बोगस फर्मों के सहारे आईटीसी क्लेम लेकर सरकार को चूना लगाने के लिए मुजफ्फरनगर पहले से बदनाम है। अब खालापार पुलिस ने अधिकारियों की मदद से 1300 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का भंडाफोड़ किया है। एक कार्यालय में बैठकर फर्जी ई-वे बिल व अन्य प्रपत्र तैयार कर कागजों में माल का परिवहन दिखाकर जीएसटी चोरी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसके कब्जे से लैपटाप आदि उपकरण बरामद हुए है। पुलिस ने दस्तावेज जीएसटी विभाग को भी सौंपे है, जिससे कई फर्मों की कुंडली खंगाली जाएगी।

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खालापार पुलिस ने मेरठ रोड स्थित जेडके कांपलैक्स में छापा मारकर दो लोगों को कंप्यूटर पर काम करते हुए हिरासत में लिया था। उनके कब्जे से पुलिस फर्जी फर्मों के जीएसटी बिल, धर्म कांटों की पर्ची व फर्जी तरीके से फर्मों के काटे गए ई-वे बिलों को कब्जे में लिया। इसके साथ ही लैपटाप व अन्य उपकरणों की जांच शुरू की। पुलिस ने जीएसटी के बिलों को देखते हुए केंद्रीय जीएसटी टीम व स्टेट जीएसटी टीम के अधिकारियों को भी मौके पर बुला दिया। कार्यालय से मोबाईल, भिन्न- भिन्न ट्रान्सपोर्टर, धर्मकांटा तथा फर्मों के नाम की कुल 103 मोहरे, लैपटॉप, प्रिन्टर, धर्मकांटों की फर्जी पर्ची, ट्रांसपोर्ट कम्पनी की फर्जी पर्ची तथा अन्य प्रपत्र की जांच कराई गई। फर्जी प्रपत्रों से तैयार 120 बिलों की फाईलें की भी जांच हुई। बरामद फाइलों व उपकरणों का निरीक्षण किया गया, जिसमें 1300 करोड़ के क्रय-विक्रय का लेनदेन सामने आया, जो जीएसटी चोरी कर किया गया। इसके बाद खालापार पुलिस ने पकड़े गए आरोपी मौ. नदीम सैफी पुत्र मोहम्मद अनीस सैफी निवासी ग्राम लिसाडी मेरठ व मौ. समीर पुत्र मोहम्मद शमीम निवासी सरवट मुजफ्फरनगर पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया है। इस उपलब्धि पर थाना पुलिस को 25 हजार रुपये इनाम दिया गया।

फर्जी ई-वे बिल के साथ बड़ा जखीरा बरामद
पुलिस ने जेडके कांपलैक्स में छापेमारी के बाद कार्यालय से चार लैपटाप, दो लैपटॉप चार्जर, तीन मोबाईल, एक वायफाई, 120 फाईल में प्रपत्र, 18 ट्रांसपोर्ट रशीद बुक, 250 धर्म कांटे की ब्लैंक पर्ची, पेपर रिम, 103 मोहरे, ई-वे बिल, सप्लायरों की कटी पर्ची आदि दस्तावेज बरामद किए है। पुलिस ने अग्रिम जांच के लिए 116 फाइलें जीएसटी विभाग को सौंपी है, जिसमें कई फर्मों पर विभाग निशाना साधेगा। जीएसटी अधिकारियों ने माने तो अधिकतर फर्मे ऐसी है, जो संचालित है। अब उनकी विस्तार जांच भी की जाएगी।

शादाब के लिए काम करते थे पकड़े गए आरोपी
पुलिस की जांच में पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि वह शादाब के लिए काम करते है। शादाब जानसठ रोड स्थित अक्षा रिसाइक्लिंग वेस्ट नाम से फर्म चलाता है। शादाब द्वारा उन्हें ई-वे बिल भेजें जाते हैं, जिसके बाद कुछ कम्पनियों से संपर्क कर मंगवाई थी। कम्पनियों द्वारा माल की खरीददारी व परिवहन के फर्जी बिल तथा बिल के अनुसार फर्जी धर्म कांटा पर्ची तैयार करते थे, लेकिन वास्तव में माल की खरीददारी व परिवहन नही होता था। जीएसटी चोरी के लिए टैक्स इनवाईस ,ई- वे बिल, बिल्टी, ट्रांसपोर्ट रशीद व धर्म कांटे की पर्ची के साथ एक फाईल तैयार करते थे और इन फाईलो को फिर हम आगे भेज देते है। बताया कि उनके द्वारा तैयार बोगस फाईल व बिल का इस्तेमाल कर शादाब सरकार से 18 प्रतिशत आईटीसी क्लेम करता है।

बोले एसएसपी-
मेरठ रोड पर एक दफ्तर में फर्जी बिलिंग कर जीएसटी चोरी का कार्य किया जाता था। पुलिस ने छापेमारी कर दो आरोपी पकड़कर जेल भेज दिए हैं। उनके पास से दस्तावेज एकत्रित किए गए, जिनकी जांच में जीएसटी अधिकारियों की मदद से सिद्ध हुआ कि फर्जी बिलिंग से जीएसटी चोरी का खेल चल रहा था। 1300 करोड़ से अधिक के माल पर जीएसटी चोरी हुई है। मुख्य आरोपी शाबाद की तालश जारी है।
– संजय कुमार वर्मा, एसएसपी मुजफ्फरनगर

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