Muzaffarnagar: भीषण गर्मी को लेकर एडवाइजरी जारी, हीट स्ट्रोक से बचाव को निचली मंजिल पर रहे, दोपहर में तीन घंटे नुकसानदेह


LP Live, Muzaffarnagar: जून की भीषण गर्मी को लेकर मनुष्य से लेकर पशु-पक्षियों के स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं बढ़ गई है। ऐसी स्थिति में तेज गर्मी एवं हीट स्ट्रोक से बचाव को जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण ने जनहित में विभिन्न बिन्दुओं पर एडवाइजरी जारी की है। इसमें दोपहर के तीन घंटे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताए गए हैं। मनुष्य के साथ जानवरों एवं बच्चों को बंद गाडी में न छोडने की अपील की गई है। घर की निचली मंजिल पर रहें। तंग कपडे न पहनें। बासी एवं संक्रमित भोजन का प्रयोग न करें। अगर बीमार हो जाये तो तत्काल डाक्टर की मदद लें। सरकारी कार्यालयों को पहले ही प्राथमिक चिकित्सा किट की उपलब्धता के लिए कहा जा चुका है। यदि किसी संस्थान में किट उपलब्ध नहीं मिलती है तो विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय की जायेगी।

लू लगने पर करें यह काम, हीट स्ट्रोक है जानलेवा: जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के नोडल अधिकारी एडीएम वित्त एवं राजस्व गजेन्द्र कुमार ने बताया कि गर्मी में लापरवाही जानलेवा हो सकती है। ऐसी स्थिति में जो एडवाइजरी जारी की गयी है, उसका अनुपालन किया जाये तो हीट स्ट्रोक से बचा जा सकता है। हीट वेव की स्थिति शरीर के कार्यप्रणाली पर प्रभाव डालती है, जिससे हीट स्ट्रोक की स्थिति बन सकती है। इसके प्रभाव को कम करने के लिये निम्न तथ्यों पर ध्यान देना चाहिये। उन्होनें बताया कि बचाव के लिये अधिक से अधिक पानी का सेवन किया जाये। अगर आप खुले में कार्य करते हैं तो सिर, चेहरा, हाथ, पैरों को गीले कपडे से ढककर रखें तथा छाते का प्रयोग करें। लू से प्रभावित व्यक्ति को छाया में लिटाकर सूती गीले कपडे से पोंछे अथवा नहलायें तथा चिकित्सक से सम्पर्क करें। यात्रा करते समय पीने का पानी साथ रखें। ओआरएस, घर में बने पेय पदार्थ जैसे-लस्सी, चावल का पानी, नीबूं पानी, छाछ आदि का उपयोग करें, जिससे शरीर में पानी की कमी की भरपाई हो सके। हीट स्ट्रोक, हीट रैश, हीट क्रैम्प के लक्षणों जैसे कमजोरी, चक्कर आना, सरदर्द, उबकाई, पसीना आना, बेहोशी आदि को पहचान लिया जाए। उन्होने बताया कि यदि बेहोशी या बीमारी अनुभव करते है तो तुरन्त चिकित्सकीय सलाह लें। अपने घर को ठण्डा रखें। पर्दे, दरवाजे आदि का प्रयोग करें तथा रात व शाम के समय कमरों व घर को ठंडा करने के लिये इन्हें खोल दें। पंखे, गीले कपडे का प्रयोग करें तथा बार-बार स्नान करें। कार्यस्थल पर ठंडे पीने का पानी रखा जाये। कर्मियों को सीधे सूर्य की रोशनी से बचने हेतु सावधान करें। श्रमसाध्य कार्यो को ठंडे समय करें। उन्होनें बताया कि यात्रा करते समय पीने का पानी साथ रखा जाये। यदि बेहोशी या बीमारी महसूस करते है तो तत्काल डाक्टर से सलाह ले ली जाए।
परिंदों के लिए पानी की व्यवस्था करें
भीषण गर्मी में परिंदो व पशुओ की मौत पानी की कमी के कारण हो जाती है। लोगो का थोड़ा सा प्रयास घरो के आस पास उड़ने वाले परिदो की प्यास बुझाकर उनकी जिंदगी को बचाया जा सकता है। गर्मियो में घरो के आसपास इनकी चहचहाहट बनी रहे, इसके लिए जरूरी है कि लोग पक्षियो से प्रेम करे और उनका विशेष ख्याल रखे। घर के बाहर या बालकनी मे छाव वाली जगह पर बर्तन मे पानी भरकर रखे।
