विधायक मिथलेश पाल की बढ़ सकती है मुश्किलें, कोर्ट में आरोप तय
LP Live, Muzaffarnagar: उत्तर प्रदेश की मीरापुर विधानसभा क्षेत्र की रालोद विधायक मिथलेश पाल की मुश्किलें आने वाले दिनों में बढ़ सकती है। पाल-धनगर जाति प्रमाण पत्र बनवाने की मांग को लेकर मिथलेश पाल सहित 15 लोगों पर वर्ष 2019 में भीड़ को भड़काने के आरोप में कोर्ट ने आरोप तय किए गए हैं। इन सभी पर वर्ष 2019 में मुजफ्फरनगर में यातायात बाधित करने, दंगा भड़काने, बंधक बनाने के आरोप है। विधायक मिथलेश पाल सहित 15 लोग गत शुक्रवार को एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश हुए थे। विशेष न्यायाधीश देवेंद्र सिंह फौजदार ने रालोद विधायक सहित 15 लोगों पर आरोप तय करते हुए सुनवाई के लिए तीन जनवरी की तिथि नियत की है। रालोद विधायक के वकील किरण पाल ने बताया कि मुजफ्फरनगर शहर स्थित सिविल लाइंस थाने में विधायक समेत 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
यह था पूरा मामला: 25 फरवरी 2019 में पाल-धनगर समाज के सैंकड़ों लोगों ने डीएम कार्यालय पर धनगर जाति के प्रमाण पत्र नहीं बनने के विरोध में धरना प्रदर्शन किया था। इसमें जनपद के विभिन्न गांवों से ट्रैक्टर-ट्रालियों से किसान पहुंचे थे। धरना-प्रदर्शन खत्म होने के बाद शाम को भीड़ अनियंत्रित हो गई थी, लोगों ने शहर में कई जगह हंगामा करते हुए सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था। इस बाबत तत्कालीन सिविल लाइन प्रभारी नवरत्न गौतम ने धरने का आयोजन करने वाले जिम्मेदार समाज के लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इसमें मीरापुर विधायक मिथलेश पाल, भाजपा नेता अमरनाथ पाल, रालोद नेता रामनिवास पाल, सपा नेत्री दीप्ति पाल, रमेश पाल, श्रीपाल, सुरेश पाल, बबलूराम, टीटू रमन, विनय प्रमुख, मांगेराम पाल, अमरनाथ पाल, सुमित पाल आदि शामिल थे, जिनपर आरोप तय हुए हैं।