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महाकुम्भ: त्रिवेणी के संगम पर होगा सात सुरों का संगम

झंकृत होगा महाकुम्भ, आध्यात्मिकता और संस्कृति का अद्भुत समागम कैलाश खेर, कविता सेठ, नितिन मुकेश, सुरेश वाडेकर, हरिहरन, कविता कृष्णमूर्ति जैसे कलाकार देंगे प्रस्तुति

LP Live, prayagraj: महाकुम्भ आध्यात्मिक आयोजनों, नदियों के संगम का प्रतीक ही नहीं, बल्कि यह परंपराओं, संस्कृतियों और कलात्मक अभिव्यक्तियों का भी अद्भुत संगम है। महाकुंभ के गंगा पंडाल में सुरों का अद्भुत संगम उतरने वाला है, जहां बॉलीवुड से लेकर देश भर के कलाकार 16 जनवरी से 24 फरवरी तक अपनी प्रस्तुति देकर लोगों को झंकृत कर भाव विभोर करेंगे। महाकुम्भ में इन प्रस्तुतियों में शास्त्रीय नृत्य, लोक संगीत और नाट्य कलाएं शामिल होंगी।
उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग के महाकुम्भ के नोडल अधिकारी अमित अग्निहोत्री ने बताया कि कार्यक्रम को लेकर विशेष तैयारी की जा रही है। 16 जनवरी से प्रस्तुतियों का शुभारंभ होगा। महाकुंभ के गंगा पंडाल में सुरों का अद्भुत संगम के साथ भक्ति और आस्था की कहानियां सुनाई देगी और भारतीय सांस्कृतिक विविधता का जीवंत प्रदर्शन भी करेंगी। कार्यक्रम का उद्घाटन 16 जनवरी 2025 को प्रसिद्ध गायक शंकर महादेवन द्वारा होगा, जबकि समापन प्रस्तुति 24 फरवरी 2025 को मोहित चौहान देंगे। इस भव्य आयोजन में 16 जनवरी को शंकर महादेवन, रवि, 17 को महेश काले, 18 को पार्वती, 19 को सौनक चट्टोपाध्याय, 20 को श्री रामचंद्र, 21 को आदित्य सारस्वत, 22 को प्रतिभा सिंह बघेल, 23 को विक्रम घोष, 24 को अन्वेशा दत्त गुप्ता, 25 को रवि त्रिपाठी, 26 को साधना सरगम, 27 को शान, 31 जनवरी को रंजनी और गायत्री, 1 फरवरी को ईमान चक्रवर्ती, 5 को संजीव शंकर, तेजेंद्र नारायण मजूमदार, तन्मय बोस, 6 को उमाकांत गुंडीचा, 7 को योगेश गंधर्व आभा गंधर्व, कविता कृष्णमूर्ति , डॉ एल सुब्रमण्यम, 9 को सुरेश वाडेकर, 10 को हरिहरन, 14 को नवदीप बडाली, 15 को देव मित्र सेन गुप्ता, ऋषभ रिखीराम शर्मा, 16 को रतेंद्र भादुड़ी, राहुल देशपांडे, 17 को नितिन मुकेश, 18 को सौरेंद्रो, सौम्यजीत, 19 को श्वेता मोहन, 20 को आभा हंज़ुरा, 21 को कविता सेठ, 22 को पार्थिव गोहिल, 23 को कैलाश खेर, 24 को मोहित चौहान जैसे प्रतिष्ठित कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। इन कलाकारों के संगीत और नृत्य से महाकुंभ में एक अलौकिक और भव्य आध्यात्मिक वातावरण तैयार होगा, जो श्रद्धालुओं के लिए अविस्मरणीय अनुभव बनेगा।
गुरु नानक की गुरुबाणी भी गूंजेगी
महाकुम्भ नगर में भक्ति और अध्यात्म की दुनिया बस गई है जिसमें सनातन धर्म के सभी सम्प्रदाय अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं। शिव उपासक शैव अखाड़ो के हर- हर महादेव और वैष्णव अखाड़ो जय श्री राम के उद्घोष के बाद अब कुम्भ क्षेत्र में उदासीन अखाड़ो के जय श्रीचन्द्र का उद्घोष भी गूजने लगा है। महा कुम्भ क्षेत्र में श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन की छावनी प्रवेश यात्रा में इसकी भव्यता देखने को मिली। संगत साहब की संत परम्परा को मानने वाले इस श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन कुम्भ प्रवेश यात्रा को देखने के शहर से लेकर कुम्भ क्षेत्र तक श्रद्धालुओं की आस्था उमड़ पड़ी। आगे आगे अखाड़े के पूज्य इष्ट श्री चन्द्रदेव भगवान् की पालकी और पीछे पीछे अखाड़े के महंतो और साधुओ का जुलूस किसी दिव्य अनुभव से कम नहीं था। छावनी प्रवेश यात्रा में भ्रमणशील रमता पंच के साथ साथ गुरु नानक की गुरबाणी गूंज रही थी। अखाड़े के सचिव महंत जगतार मुनि का कहना है कि छावनी प्रवेश यात्रा में सात हजार से अधिक साधु संतो महंत श्री महंत और महा मंडलेश्वरों ने हिस्सा लिया।

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