
लोकपथ लाइव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया है। भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की वरिष्ठ अधिकारी कामिनी चौहान रतन को राज्य कर विभाग में प्रमुख सचिव की कमान मिली है। वह लंबे समय तक केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर रहने के बाद यूपी कैडर लौटी है। इन्हें आईएएस एम. देवराज के स्थान पर नियुक्त किया है। इस नियुक्ति के साथ ही पूर्व प्रमुख सचिव राज्य कर आईएएस एम. देवराज को अब केवल नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग सौंप दिया गया है। न्यूक्लियर कार्मिक विभाग की ओर से यह आदेश जारी कर दिया गया है और तत्काल जीएसटी विभाग को नया प्रमुख सचिव मिलने जा रहा है। इस बदलाव से राज्यकर विभाग में अधिकारी वर्ग में हर्ष का माहौल है। हालांकि इस हर्ष को कोई भी अधिकारी खुलकर जाहिर करने से बच रहा हैं।
कुछ अधिकारियों ने नाम नहीं लिखने की शर्त पर बताया कि पिछले काफी समय से विभाग में तनाव की स्थिति चल रही है। 50 से अधिक अधिकारी निलंबित है। नए-नए नियमों के कारण अधिक ड्यूटी करने को मजबूर है और हल्की से चूक होने पर निलंबित कर दिया जाता है। मुजफ्फरनगर में रह चुके कई अधिकारियों पर भी प्रमुख सचिव स्तर से कार्रवाई की तलवार लटकी थी। इसके अलावा अन्य कई अधिकारी भी कार्रवाई की जद में थे। प्रमुख सचिव के बदलने से विभागीय अधिकारी माहौल बदलने की भी उम्मीद कर रहे है।
1997 बैच की वरिष्ठ आईएएस है कामिन चौहान रतन: सूत्रो का कहना है कि प्रमुख सचिव बनी आईएएस कामिनी चौहान रतन पहले ही राज्यकर विभाग में नियुक्त रह चुकी है। यही कारण है कि कामिनी चौहान रतन की वापसी से विभाग में खुशी है। कामिनी चौहान रतन यूपी कैडर की 1997 बैच की वरिष्ठ आईएएस अफसर हैं।
दीपावली पर व्यापारियों से मिलने पर लगा था बैन
दीपावली 2025 के दौरान तत्कालीन प्रमुख सचिव आईएएस एम. देवराज के निर्देशों से जीएसटी अधिकारियों की दीपावली की रौनक तक फीकी हो गई थी। दीपावली पर निर्देश जारी हुए थे कि वह किसी भी व्यापारी से दीपावली उपहार नहीं लेंगे, ना ही देंगे। हालांकि अधिकारियों ने संबंधों और त्यौहार की परम्पराओं को जीवित रखने के लिए चोरी-छिपे ही अपने अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ दीपावली की खुशियां साझा की थी, लेकिन व्यापारी वर्ग को लेकर अधिकारी सचेत रहे थे।
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