बुजुर्ग की हत्या में महिला को जज ने सुनाईं उम्रकैद
LP Live, Muzaffarnagar: वर्ष 2008 में खतौली के भंगेला में हुई बुजुर्ग की मौत के मामले में भंगेला निवासी महिला गुलिस्ता को न्यायाधीश ने उम्रकैद की सजा सुनाई। आरोपित महिला पर कोर्ट ने बीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। महिला ने दो अन्य लोगों के साथ मिलकर बुजुर्ग की हत्या की थी।
खतौली के गांव भंगेला में 14 वर्ष पूर्व एक बुजुर्ग की हत्या कर दी गई थी। 16 जून 2008 को विपिन कुमार निवासी गांव भंगेला थाना खतौली ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि उसके पिताजी विशंभर सिंह घर से घूमने के लिए 15 जून को रात 9 बजे निकले थे, लेकिन वह घर नहीं पहुंचे। बाद में उनका शव गांव के श्मशान घाट के पास पड़ा मिला था। उन्होंने पुलिस को बताया था कि गांव के ही हरेन्द्र और रामदास ने उनके पिता विशंभर सिंह का शव गांव के ही शिवराज उर्फ डब्बू और विकास तथा गुलिस्ता निवासी भंगेला को खेत से होकर ले जाते देखा था। विशंभर सिंह का शव बरामद हुआ था तो उनके शरीर पर कई चोट पाई गई थी। इसके बाद पुलिस ने गुलिस्ता सहित तीनों आरोपितों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रदीप कुमार शर्मा ने बताया कि 60 वर्षीय विशंभर की हत्या की गई थी। उन्होंने बताया कि भंगेला निवासी विशंभर सिंह के घर में ही गुलिस्ता रहती थी। विशंभर ने गुलिस्ता को घर खाली करने के लिए कहा था, जिस पर वह तैयार नहीं थी। पुलिस जांच में सामने आया था कि गुलिस्ता के शिवराज उर्फ डब्बू और विकास से अवैध संबंध थे। जब विशंभर ने गुलिस्ता को मकान खाली करने के लिए कहा तो उसने यह बात विकास और शिवराज से बताई, जिसके बाद तीनों ने मिलकर विशंभर की हत्या कर दी और शव श्मशान घाट में फेंक दिया। इस मामले में सोमवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश हेमलता त्यागी ने सुनवाई की। कोर्ट ने दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद इस मामले में आरोपित गिलस्ता पत्नी छोटे खां को दोषी ठहराया। गुलिस्ता को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। उस पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि अन्य आरोपित विकास और शिवराज की मुकदमे की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है।