यूपी: किसानों को 02.32 लाख करोड़ रु गन्ना मूल्य का भुगतान
गन्ने के भाव बढ़ाने के बाद सीएम योगी ने किया किसानों से संवाद


पिछले छह सालों में अन्नदाता किसानों के खाते में करीब 07 लाख करोड़ हस्तांतरित हुई
LP Live, Lucknow: उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या में भगवान श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व गन्ने के दामों में वृद्धि की व्यवस्था करके अन्नदाता किसानों के लिए एक उपहार दिया है। सनातन धर्म में भगवान की उपासना से पूर्व अन्नपूर्णा देवी की पूजा की जाती है और अन्नदाता किसान भी राम-राम के बिना कोई कार्य नहीं करता है।
यह बात शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर प्रदेश के गन्ना किसानों से संवाद कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि विगत दिवस मंत्रिपरिषद द्वारा पेराई सत्र 2023-24 के लिए प्रदेश की समस्त चीनी मिलों द्वारा क्रय किए जाने वाले गन्ने का राज्य परामर्शित मूल्य (एसएपी) का निर्धारण कर दिया गया है। गन्ने की अगैती प्रजातियों के गत वर्ष के 350 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य को पेराई सत्र 2023-24 में बढ़ाकर 370 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार सामान्य प्रजातियों के लिए 340 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 360 रुपये प्रति क्विंटल तथा अनुपयुक्त प्रजातियों के लिए 335 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 355 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। उन्होने कहा कि वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश में 110 चीनी मिलें बमुश्किल चल पा रही थी और उन पर वर्ष 2010 से 2017 के बीच गन्ना मूल्य बकाया था। लेकिन प्रदेश में आज प्रदेश 120 चीनी मिलें सफलतापूर्वक चल रही हैं और इनमें से 105 चीनी मिलें ऐसी हैं, जो 10 दिनों के अन्दर गन्ना मूल्य का भुगतान कर रही हैं। इस प्रकार अब तक 90 प्रतिशत से अधिक गन्ना मूल्य का भुगतान किया जा चुका है।
किसानों के खातों में हस्तांतरित हुई राशि
मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन सरकार द्वारा विगत साढ़े 06 वर्षों में किए गए प्रयासों के परिणामस्वरूप अब तक अन्नदाता किसानों के खाते में लगभग 07 लाख करोड़ रुपये की धनराशि हस्तांतरित की जा चुकी है, जिसमें 02 लाख 32 हजार करोड़ रुपये गन्ना किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान भी शामिल है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 60 हजार करोड़ रुपये की धनराशि इसके अतिरिक्त है। वर्ष 2017 से पूर्व, गन्ना किसानों को गन्ने का राज्य परामर्शित मूल्य 315 रुपये प्रति क्विंटल प्राप्त होता था। जबकि आज प्रदेश में किसानों को गन्ने का राज्य परामर्शित मूल्य 370 रुपये प्रति क्विंटल प्राप्त हो रहा है। वहीं उन्होंने कहा कि चीनी मिलों को शुगर कॉम्प्लेक्स में बदला जा रहा है। नई-नई डिस्टलरीज तथा इथेनॉल प्लाण्ट लग रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में चीनी मिलों और गन्ना किसानों के बीच बेहतरीन तालमेल बनाकर कार्य किया जा रहा है। चीनी मिलों से गन्ना किसानों का हित जुड़ा हुआ है। यह दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। किसान खुशहाल होगा, तो चीनी मिलें भी अच्छी चलेंगी।
अन्य फसलों को बाजार मुहैया
प्रदेश सरकार ने धान, गेहूं, मक्का, बाजरा एवं अन्य फसलों के लिए प्रोक्योरमेंट व्यवस्था को गति दी है। प्रदेश सरकार ने विभिन्न फसलों के समर्थन मूल्य को बढ़ाकर लगभग 03 लाख 70 हजार करोड़ रुपये सीधे अन्नदाता किसानों के खातों में हस्तांतरित किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि गत वर्ष प्रदेश सरकार ने आम के 04 किसानों को मॉस्को भेजा था। देश में जो अच्छी क्वालिटी का आम 40 से 50 रुपये प्रति किलो बिकता है, वही आम मॉस्को के बाजार में 800 से 1,000 रुपये प्रति किलो बिका। किसानों को यदि लगभग 500 रुपये प्रति किलो लाभ प्राप्त होगा, तो यह समृद्धि का कारण अवश्य बनेगा। ऐसे ही किसान अमरूद और केले आदि की खेती भी करते हैं। इसके लिए किसानों को अपनी फसल की क्वालिटी का ध्यान रखना पड़ता है।
प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से जुड़ें अन्नदाता
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी पीढ़ी सौभाग्यशाली है कि 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या नगरी में 500 वर्षों की लम्बी प्रतीक्षा के पश्चात प्रभु श्रीराम प्रधानमंत्री जी के करकमलों द्वारा स्वयं के भव्य मन्दिर में विराजमान होंगे। इस अवसर के साथ प्रदेश के अन्नदाता किसानों को जुड़ना चाहिए। किसान, गांव के लोगों को टेलीविजन पर कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखने के लिए प्रेरित करें। गांव के लोग देव मन्दिर में कीर्तन आदि कार्यक्रमों से जुड़ें। गांवों के लोगों को भण्डारा खिलाया जाना चाहिए। मन्दिरों की साफ-सफाई करें। सायंकाल देव मन्दिर के साथ-साथ घर-घर में दीप प्रज्ज्वलित करें। विरासत को सम्मान देना हम सभी का दायित्व है। इस अवसर पर गन्ना किसानों ने प्रदेश सरकार द्वारा गन्ने के राज्य परामर्शित मूल्य में वृद्धि के लिए मुख्यमंत्री जी का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम में सांसद राजकुमार चाहर, तथा कामेश्वर सिंह ने आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम का संचालन घनश्याम पटेल ने किया।
