
LP Live, Muzaffarnagar: मुजफ्फरनगर के जिला परिषद मार्किट, अग्रवाल मार्किट, स्वरूप प्लाजा सहित घर-घर में चल रही मेडिकल एजेंसियों के तार नशीली दवा के कारोबार से जुड़े हैं। आगरा में हुई कार्रवाई के बाद मुजफ्फरनगर में सोमवार को कई मेडिकल एजेंसियों के नाम सामने आए है। सहारनपुर मंडल से सहायक आयुक्त औषधि ने पहुंचकर टीम के साथ जांच की। कई दवाओं कारोबारियों के दस्तावेजों की जांच शुरू हो गई है। छह नमूने लेकर टीम लौट गई। अधिकारियों से सांठगांठ कराने में एक चर्चित दवा काराबोरी दिनभर अधिकारियों के आगे-पीछे घूमता रहा। कई दवा कारोबारी प्रतिष्ठान को बंद कर गायब भी हो गए।


उत्तर प्रदेश के आगरा में नशीली दवा का कारोबार करने वाले एक बड़े व्यापारी के प्रतिष्ठान पर छापेमारी की गई थी, जिसको छिपान के लिए दवा कारोबारी अधिकारियों के पास करोड़ों रुपये लेकर पहुंच गया था, जिसके बाद मामला चर्चााओं में आया। वहां हुई जांच के तार मुजफ्फरनगर में कई दवा कारोबारी से जुड़े मिले हैं। नशीली दवाओं के कारोबार पर शिंकजा कसने के लिए सोमवार को सहारनपुर से सहायक आयुक्त औषधि दीपा लाल टीम के साथ मुजफ्फरनगर पहुंची। टीम में शामिल सहारनपुर के औषधि निरीक्षक राघवेंद्र व मुजफ्फरनगर के औषधि निरीक्षक पवन कुमार शाक्य ने दिनभर कई प्रतिष्ठाानों पर जांच की। टीम ने जिला परिषद मार्किट स्थित आनंद मेडिकल एजेंसी, वल्लभ मेडिकल एजेंसी, आयुष मेडिकोज गांधी कॉलोनी आदि प्रतिष्ठानों पर जांच की। इस दौरान क्रय विक्रय अभिलेखो की जांच की गई। संदेह के आधार पर छह औषधीय के नमूने जांच में विश्लेषण के लिए संग्रहित किए गए। टीम ने श्रीजी मेडिकल एजेंसी, अल्ट्रा मेडिकल एजेंसी, एसआर मेडिकल एजेंसी, दिल्ली मेडिकल एजेंसी के अभिलेखों की जांच की गई। अभी मुजफ्फरनगर में कई मेडिकल एजेंसी रडार पर है। सहायक आयुक्त औषधि दीपा लाल ने बताया कि कई दावा कारोबारी रडार पर है, जिनके द्वारा नशीली दवाओं को व्यापार किया जा रहा है। प्रति महीने उनके औचक निरीक्षण होंगे। रिपोर्ट आने पर भी कार्रवाई होगी।












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