
दो सालों से विस्फोटक जमा कर रही थी डा. शाहीन, कई प्रमुख स्थानों पर थी आतंकी हमलों की तैयारी
LP Live, New Delhi: दिल्ली स्थित लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार शाम को हुए कार धमाके में मरने वालों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हरियाणा के मेवात क्षेत्र के एक मौलवी को हिरासत में लिया है, जो फरीदाबाद स्थित एक विश्वविद्यालय परिसर से संचालित हो रहा था। वहीं यह आतंकी माड्यूल कई महीनों से मुंबई के 26/11 हमले जैसे बड़े धमाकों की योजना बना रहा था। पुलिस द्वारा गिरफ्तार की गई डॉ. शाहीन शाहिद ने खुलासा किया है कि आतंकी हमलों के लिए दो सालों से विस्फोटक जमा कर रही थी।


सूत्रों ने बताया कि मौलवी इश्तियाक को औपचारिक रूप से गिरफ्तार किए जाने की संभावना है। मौलवी इश्तियाक को श्रीनगर लाया गया है और उनसे विस्तृत पूछताछ की जा रही है। इश्तियाक फरीदाबाद के अल-फलाह विश्वविद्यालय परिसर में स्थित एक किराए के मकान में रह रहा था। पुलिस ने इसी मकान से 2,500 किलोग्राम से अधिक अमोनियम नाइट्रेट, पोटेशियम क्लोरेट और गंधक (सल्फर) बरामद किए थे। जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश पुलिस की संयुक्त टीमों ने 10 नवम्बर को कई स्थानों पर छापेमारी कर इस ‘व्हाइट कॉलर’ आतंकी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया था, जिसका संबंध प्रतिबंधित आतंकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से बताया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार, विस्फोटक सामग्री डॉ. मुझम्मिल गणाई उर्फ मुसैब और डॉ. उमर नबी ने इश्तियाक के किराए के मकान में छिपाई थी। उमर नबी वही व्यक्ति है, जो सोमवार शाम लाल किले के बाहर विस्फोटक से लदी कार चला रहा था। इस विस्फोट में 12 लोगों की मौत हो गई थी।

इन प्रमुख स्थानों हमले की तैयारी में थे आतंकी
पुलिस और जांच एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार 8 आतंकियों से शुरूआती पूछताछ में ऐसे संकेत मिले हैं कि कई बड़े शहरों में सीरियल ब्लास्ट की साजिश थी। वहीं मामले में नया खुलासा हुआ है। आतंकी माड्यूल कई महीनों से मुंबई के 26/11 हमले जैसे बड़े धमाकों की योजना चल रही थी। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा, शोपियां और अनंतनाग के रैडिकलाइज्ड युवा डॉक्टरों ने व्हाइट कॉलर कवर के तहत फरीदाबाद में बेस बनाया। विस्फोटक छिपाने के लिए फरीदाबाद के धौज और फतेहपुर तागा में ऐसे कमरे तलाशे गए, जहां बेरोक-टोक जाया जा सके। आतंकियों ने दिल्ली-एनसीआर में आसानी से मूवमेंट करने के लिए जानबूझ कर गुरुग्राम नंबर की आई-20 कार खरीदी, जो 12 दिन फरीदाबाद में खड़ी रही। मसलन आतंक की पूरी साजिश का केंद्र धौज में अल-फलाह यूनिवर्सिटी रहा। पुलिस के अनुसार आतंकियों का लक्ष्य लाल किला, इंडिया गेट, कांस्टीट्यूशन क्लब, गौरी शंकर मंदिर, प्रमुख रेलवे स्टेशन और मॉल्स में आतंकी हमले करना शामिल थे। इस मामले में गिरफ्तार फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल में शामिल डॉ. शाहीन शाहिद ने कबूल किया है कि वह अपने साथी आतंकी डॉक्टरों के साथ मिलकर देश भर में हमलों की साजिश रच रही थी। शाहीन ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह पिछले दो सालों से विस्फोटक जमा कर रही थी।
आतंक के नेटवर्क दायरे मे डॉक्टर शामिल
मुख्य आरोपी डॉ. मुजम्मिल शकील और डॉ. अदील को जम्मू-कश्मीर और हरियाणा पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में गिरफ्तार किया गया था। इनके नेटवर्क से डॉ. शाहीन सईद का नाम भी सामने आया, जो लखनऊ की डॉक्टर हैं और कथित तौर पर पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद की महिला शाखा बनाने की कोशिश कर रही थीं। जांच एजेंसियों का कहना है कि इस पूरे मॉड्यूल को विदेश से बैठे हैंडलर निर्देशित कर रहे थे।












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