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जनगणना-2027: केंद्र सरकार ने जारी की अधिसूचना

सरकार का जनगणना का कार्य 21 माह मे पूरा करने का लक्ष्य
LP Live, New Delhi: भारत में जनगणना-2027 कराने के लिए केंद्र सरकार पहले ही घोषणा कर चुकी है, जिसमें जातीय आधार पर भी जनगणना होगी। सोमवार को इस संबन्ध में केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है, जिसके तहत दो चरणों में जनगणना कराई जाएगी।

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भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने राजपत्र अधिसूचना जारी करते हुए ऐलान किया है जनगणना अधिनियम, 1948 के तहत जारी इस अधिसूचना में जनगणना की तिथि, संदर्भ काल तथा इससे जुड़ी अहम बातें स्पष्ट की गई हैं। अधिसूचना के अनुसार देश के अधिकांश हिस्सों में जनगणना के लिए संदर्भ तिथि 1 मार्च, 2027 निर्धारित की गई है। यानी 1 मार्च, 2027 को रात्रि 12 बजे की स्थिति के आधार पर जनगणना के आंकड़े जुटाए जाएंगे। हालांकि देश के कुछ विशेष क्षेत्रों के लिए अलग संदर्भ तिथि तय की गई है। जनगणना की पूरी प्रक्रिया एक मार्च 2027 तक पूरी कर ली जाएगी। जनगणना का प्राइमरी डेटा मार्च 2027 में ही जारी हो जाएगा। हालांकि विस्तृत डेटा जारी होने में साल के आखिर तक का इंतजार करना पड़ेगा। जनगणना की पूरी प्रक्रिया लगभग 21 महीनों में पूरी होगी। मसलन देश के ज्यादातर राज्यों में जनगणना के लिए 1 मार्च 2027 की आधी रात की तारीख को आधार माना जाएगा। लेकिन, ठंडे और बर्फबारी वाले इलाकों जैसे जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्से, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख और उत्तराखंड में यह तारीख 1 अक्टूबर 2026 तय की गई है। खराब मौसम के मद्देनजर ये फैसला लिया गया है।

दो चरणों में होगी जनगणना
भारत की जनगणना के कार्य को दो चरण में पूरा किया जाएगा। एक मार्च 2027 की आधी रात तक देश की जनसंख्या और सामाजिक स्थिति का जो भी आंकड़ा होगा, वही रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा। इसी को आधार माना जाएगा। पहले चरण में हाउसलिस्टिंग ऑपरेशन (एचएलओ) में प्रत्येक घर की आवासीय स्थिति, परिसंपत्तियों और सुविधाओं का विवरण एकत्र किया जाएगा। इसके बाद दूसरे चरण में जनसंख्या गणना (पीई) में प्रत्येक घर के प्रत्येक व्यक्ति का जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और अन्य विवरण लिया जाएगा।

जनगणना में जातीय आंकडे भी होंगे शामिल
जनगणना में जातिवार गणना भी की जाएगी। जनगणना गतिविधियों के लिए लगभग 34 लाख गणनाकार और पर्यवेक्षक तथा लगभग 1.3 लाख जनगणना कार्यकर्ता तैनात किए जाएंगे। भारत में जनगणना शुरू होने के बाद से यह 16वीं तथा स्वतंत्रता के बाद आठवीं जनगणना है। यह जनगणना 16 वर्षों के बाद आयोजित की जाएगी, क्योंकि पिछली जनगणना 2011 में की गई थी। आगामी जनगणना मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग करके डिजिटल माध्यम से की जाएगी। लोगों के लिए स्व-गणना की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।

केंद्र सरकार ने लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के हिमाच्छादित (बर्फ से ढके) असमकालिक क्षेत्रों के लिए जनगणना की संदर्भ तिथि 1 अक्टूबर, 2026 घोषित की है। इसका कारण इन क्षेत्रों में मौसम संबंधी विशेष परिस्थितियाँ हैं, जिनके चलते वहाँ समय से पहले जनगणना कराई जाती है। गौरतलब है कि इससे पहले वर्ष 2021 में होने वाली जनगणना कोविड-19 महामारी के कारण स्थगित कर दी गई थी। अब केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि देश की अगली जनगणना प्रक्रिया वर्ष 2027 में संपन्न कराई जाएगी।

 

 

 

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