अब वेबसाइट पर अपलोड होगी ओबीसी आयोग की रिपोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को दिये निर्देश


स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर तैयार हुई थी रिपोर्ट
LP Live, Lucknow: यूपी में शहरी स्थानीय निकायों के चुनावों में ओबीसी आरक्षण को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को ओबीसी आयोग की रिपोर्ट चार दिनों के भीतर राज्य के शहरी विकास विभाग की वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने विकास अग्रवाल द्वारा दायर याचिका पर यह आदेश पारित किया है। राज्य सरकार ने शहरी स्थानीय निकायों में ओबीसी के प्रतिनिधित्व का अध्ययन करने के लिए उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया था। आयोग की जिम्मेदारी ओबीसी के राजनीतिक पिछड़ेपन पर डेटा एकत्र करने की थी। याचिकाकर्ता अग्रवाल ने लखीमपुर खीरी जिले में निघासन नगर पंचायत के आरक्षण के संबंध में 30 मार्च 2023 को जारी राज्य सरकार की मसौदा अधिसूचना को चुनौती दी थी। इस याचिका में अग्रवाल ने उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया था कि आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक डोमेन में नहीं थी, जिससे उसके लिए आपत्ति दर्ज करना असंभव हो गया।

सुप्रीम का ये था निर्देश
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 27 मार्च को राज्य चुनाव आयोग को दो दिनों के भीतर उत्तर प्रदेश में स्थानीय निकायों के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरू करने के लिए अधिसूचना जारी करने की अनुमति दी थी। इसके बाद, शहरी स्थानीय निकायों के चुनावों में आरक्षण पर एक मसौदा अधिसूचना 30 मार्च को जारी की गई और सरकार ने 6 अप्रैल तक आपत्तियां आमंत्रित कीं।
