
मुख्यमंत्री योगी ने की मेरठ, कानपुर और मथुरा-वृंदावन की विकास कार्ययोजना की समीक्षा
प्रदेश के तीनों शहरों में 478 विकास परियोजनाओं की रूपरेखा तैयार
यातायात सुधार, मल्टीलेवल पार्किंग, स्मार्ट रोड और शहरी सौंदर्यीकरण को प्राथमिकता
LP Live, Lucknow: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को मेरठ, कानपुर और मथुरा-वृंदावन के समग्र नगरीय विकास की कार्ययोजना की समीक्षा की। सीएम ने कहा कि केवल सड़कों और इमारतों के निर्माण तक ही इन शहरों का विकास सीमित नहीं होगा, बल्कि स्थानीय पहचान, इतिहास, संस्कृति और आधुनिक सुविधाओं के साथ उनका स्वरूप दिखेगा। मुख्यमंत्री ने खासतौर से मेरठ में प्रस्तावित बिजली बम्बा बाईपास को लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर की तर्ज पर पीपीपी मोड में विकसित करने की संभावना तलाशने के निर्देश दिए हैं।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई समीक्षा बैठक में तीनों मंडलों के मंडलायुक्तों ने बारी-बारी से अपनी कार्ययोजना से अवगत कराया। सीएम ने कहा कि अयोध्या, वाराणसी, गोरखपुर और प्रयागराज की तर्ज पर अब मेरठ, कानपुर और मथुरा-वृंदावन के लिए भी समेकित विकास मॉडल अपनाया जा रहा है। सरकार ने जनप्रतिनिधियों से विमर्श और विभागों के बीच समन्वय के आधार पर इन शहरों में कुल 478 परियोजनाओं की रूपरेखा तैयार की गई है। इनमें मेरठ में 111, कानपुर में 109 और मथुरा-वृंदावन में 258 परियोजनाओं का विकास प्रस्तावित है। इन परियोजनाओं को अल्पकालिक, मध्यमकालिक और दीर्घकालिक श्रेणी में विभाजित कर स्पष्ट समयसीमा तय की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं के लिए नवाचार, बेहतर प्रबंधन और वित्तीय संयोजन पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने अधिकारियों को रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल पर निजी क्षेत्र का सहयोग लेने और जहां संभव हो वहां पीपीपी मोड अपनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विकास का उद्देश्य ऐसा शहरी ढांचा तैयार करना है जो यातायात को सुगम बनाए, पैदल यात्रियों और सार्वजनिक परिवहन को प्राथमिकता दे, हरे-भरे शहरों की दिशा में आगे बढ़े और स्थानीय पहचान को मजबूत करे। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के लिए यदि अतिरिक बजट की आवश्यकता होगी तो उसे उपलब्ध कराया जाएगा।

इन योजनाओं पर प्राथ्मिकता से होगा कार्य
बैठक में तय किया गया कि पहले चरण की कार्ययोजना के रूप में वर्ष 2025-26 में मेरठ में 11, कानपुर में 13 और मथुरा-वृंदावन में 14 प्राथमिक परियोजनाओं पर कार्य किया जाए। इन परियोजनाओं में यातायात सुधार, चौराहों का पुनर्विकास, मल्टीलेवल पार्किंग, हरित क्षेत्र, सड़क और पेवमेंट सुधार, बिजली लाइनों का भूमिगतकरण, जल प्रबंधन, पर्यटन सुविधाओं का उन्नयन और शहरी सौंदर्यीकरण जैसी जरूरतों को प्राथमिकता दी गई है। बैठक में बताया गया कि मेरठ में यातायात सुगमता के लिए बिजली बम्बा बाईपास, लिंक रोड, हापुड़ अड्डा से गांधी आश्रम तक चौड़ीकरण, ईस्टर्न कचहरी रोड, सूरजकुंड चौराहा, क़य्यम नगर पार्क, 19 प्रमुख चौराहों पर जंक्शन इम्प्रूवमेंट, संजय वन, शताब्दी नगर एसटीपी से मोहकमपुर औद्योगिक क्षेत्र तक जल पुनर्चक्रण व्यवस्था, स्मार्ट रोड और यूनिवर्सिटी रोड क्षेत्रीय पुनर्विकास जैसी परियोजनाएं प्रस्तावित हैं।
मथुरा-वृंदावन में ‘विजन-2030’ से विकास
मथुरा-वृंदावन के लिए प्रस्तुत मास्टर प्लान के तहत शहर को ‘विजन-2030’ के रूप में विकसित करने की रणनीति पर चर्चा हुई। बैठक में बताया गया कि श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए स्ट्रीट फसाड डेवलपमेंट, मल्टीलेवल पार्किंग, बस पार्किंग, प्रवेश द्वारों का सौंदर्यीकरण, नए मार्गों का निर्माण, बरसाना-गोवर्धन-राधाकुंड कॉरिडोर सुधार, परिक्रमा मार्ग पर सुविधाएं और नगर प्रवेश से धार्मिक स्थलों तक संकेतक एवं प्रकाश व्यवस्था की योजना शामिल है।
कानपुर में इस अवधारणा से होगा विकास
कानपुर के संबंध में बताया गया कि विकास का आधार “रूटेड इन लेगेसी, राइजिंग टू टुमॉरो” की अवधारणा होगी। मैनावती मार्ग चौड़ीकरण, मल्टीलेवल पार्किंग, मास्टर प्लान सड़कों का निर्माण, ग्रीन पार्क के आसपास शहरी डिजाइन सुधार, मकसूदाबाद सिटी फॉरेस्ट, बोटैनिकल गार्डन, वीआईपी रोड, रिवरफ्रंट लिंक, ग्रीनफील्ड कॉरिडोर, मेट्रो विस्तार और ग्रेटर कानपुर के रूप में नए विस्तार क्षेत्र की दृष्टि इस योजना में शामिल है।











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