लोकसभा में पास हुआ महिला आरक्षण बिल
विधेयक के पक्ष में पड़े 454 वोट, विरोध में महज दो वोट पड़े
नए संसद भवन में ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ पर चली आठ घंटे लंबी बहस
LP Live, New Delhi: संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फ़ीसदी आरक्षण देने के प्रावधान वाले महिला आरक्षण विधेयक को लोकसभा में करीब आठ घंटे की चर्चा के बाद ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ के रुप में पास कर दिया गया है, जो 128वें संविधान संशोधन विधेयक के रुप में मंगलवार को पेश किया गया था।
संसद के विशेष सत्र के तीसरे दिन बुधवार को लोकसभा में ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ पर लंबी बहस की गई। महिला आरक्षण संबन्धी इस विधेयक को मंगलवार को संसद के विशेष सत्र के तहत नए संसद भवन में शुरु हुई पहली बैठक में ही केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने पेश किया था। इस विधेयक पर बुधवार को करीब आठ घंटे तक लंबी चर्चा हुई और लगभग सभी दलों के सदस्यों ने इसमें हिस्सा लिया और अपने विचारों को रखा, जिसमें ओबीसी, एससी और एसटी महिलाओं के आरक्षण का अलग से प्रावधान करने पर भी जोर दिया गया। वहीं कांग्रेस के सदस्यों ने इस विधेयक पर श्रेय लेने के लिए पुरानी सरकारों की पहल का भी जिक्र किया। बहस के बाद इस विधेयक पर मतदान कराया गया, जो पर्चियों के जरिए हुआ। निचले सदन में पर्चियों के जरिए ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ के पक्ष में 454 वोट पड़े। जबकि इस विधेयक के विरोध में सिर्फ दो सदस्यों ने अपना मत दिया। इस प्रकार बुधवार को देश की आधी आबादी के हित में ऐतिहासिक फैसले पर लोकसभा ने मुहर लगा दी है। अब यह विधेयक राज्यसभा जाएगा, जहां चर्चा के बाद गुरुवार तक इस विधेयक के पारित होने की उम्मीद है।
जल्द लागू करने का प्रयास
इससे पहले चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि सरकार ने इस विधेयक को फंसने से बचाने के लिए सभी प्रबंध किये हैं और सरकार का प्रयास है कि महिलाओं को आरक्षण के लिए इंतजार न करना पड़े। क्योंकि सरकार नहीं चाहती कि लोग जनहित याचिकाएं लगाएं। उनके पास न तो नीति थी, न नीयत थी, न नेतृत्व था। हमारे पास नीति भी है, नीयत भी है और मोदी जी जैसा नेतृत्व भी है।