चिंतन शिविर के समापन समारोह में कर्मचारियों को मंत्र देंगे लोकसभा अध्यक्ष
LP Live, New Delhi: लोकसभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह ने संसद भवन में लोकसभा सचिवालय के कामकाज के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा और विचार-विमर्श करने के लिए एक चिंतन शिविर का उद्घाटन किया।
संसद भवन में सोमवार आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर का उद्घाटन करते हुए लोकसभा महासचिव सिंह ने इस बात पर प्रशन्नता जाहिर की है कि इस चिंतन शिविर लक्ष्य निर्धारित करने, रचनात्मकता को बढ़ावा देने, सचिवालय के अधिकारियों की पेशेवर विशेषज्ञता को बढ़ाने के लिए नवीन सोच को प्रोत्साहित करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। इसका जिक्र हुए उन्होंने कहा कि कि इस अनूठी कवायद का उद्देश्य लोक सभा सचिवालय के अधिकारियों की आत्मा और मन को तरोताजा रखने और लोगों की आकांक्षाओं से जुड़े रहने के लिए प्रशासनिक मुद्दों पर चिंतन करना है। सिंह ने आशा व्यक्त की कि ऐसे शिविर न केवल लोकसभा सचिवालय के अधिकारियों की दक्षता को बढ़ाएंगे बल्कि सचिवालय के कामकाज में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि इस तरह की कवायद से संसद के कामकाज पर अत्यधिक सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा जो अंततः भारत के लोगों को बड़े पैमाने पर लाभान्वित करेगा।
अनूठी पहल बनने की सबब
एक सरकारी अधिकारी के रूप में अतीत में इस तरह के शिविरों का आयोजन करने और उनमें भाग लेने के अपने पिछले अनुभव का उल्लेख करते हुए सिंह ने कहा कि लोकसभा में यह अपनी तरह की अनूठी पहल होगी, जो हर तिमाही में आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस तरह प्रयास लीक से हटकर सोच को बढ़ावा देते हैं और टीम-भावना को बढ़ावा देते हैं, क्योंकि अधिकारियों -कर्मचरियों के ग्रुप्स विविध सेवाओं से लिए गए हैं और प्रत्येक प्रतिभागी विचारों और ज्ञान के आदान-प्रदान से लाभ उठा सकता है। श्री सिंह ने महसूस किया कि वरिष्ठ अधिकारियों की परिपक्वता और अनुभव के साथ-साथ युवा कर्मचारियों की गतिशीलता संगठन के कुशल कामकाज के लिए एक स्वस्थ वातावरण तैयार करेगी। उन्होंने जूनियर कर्मचारियों को इस अवसर का उपयोग संगठन को मजबूत करने के लिए अपने विचारों को सामने लाने के लिए प्रोत्साहित किया और वरिष्ठ अधिकारियों से उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
समापन करेंगे ओम बिरला
चिंतन शिविर में लोस महासचिव सिंह ने जानकारी दी कि इसके समापन समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला उपस्थित रहेंगे, जहां अगले दो दिनों में हुए विचार-विमर्श के परिणाम पर एक प्रस्तुति उनके समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। दो दिनों तक चलने वाली इस अनूठी पहल में लोकसभा सचिवालय के 250 से अधिक अधिकारी-कर्मचारी भाग लेंगे, जो विभिन्न सेवाओं और अधिकारियों और कर्मचारियों के सभी रैंक्स से लिए गए हैं।