हरियाणा में खुलेंगे 270 नए पीएम श्री स्कूल
प्रदेश में अगले साल तक एक भी बच्चा स्कूल से बाहर नहीं होगा
मुख्यमंत्री का जीरो ड्रॉप आउट नीति पर काम करने पर बल
LP Live, Gurugram: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में हर बच्चे को शिक्षा के माध्यम से देश की मुख्यधारा में लाने के लिए जीरो ड्रॉप आउट की नीति पर काम किया जा रहा है, ताकि अगले वर्ष तक प्रदेश में कोई भी बच्चा स्कूल से बाहर ना रहें। इसके लिए छह से 18 वर्ष आयु के करीब 48 लाख बच्चों के शिक्षा के स्टेटस को जानने के लिए ट्रैक किया जा रहा है।
उन्होंने यह बात शनिवार को गुरुग्राम के सेक्टर 49 स्थित सत्या स्कूल के शुभारंभ करने के उपरांत विद्यार्थियों, अभिभावकों व शिक्षकों को संबोधित करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने स्कूल का उद्घाटन करने के उपरांत नवनिर्मित भवन का अवलोकन करते हुए अलग अलग कक्षाओं व लैब में जाकर विद्यार्थियों की रचनात्मक प्रतिभा के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरक व्यक्तित्वों के बारे में भी बताया और सवाल भी पूछे। सत्या स्कूल के चेयरमैन राकेश भारती मित्तल ने मुख्यमंत्री का संस्थान में पहुंचने पर स्वागत किया और हरियाणा सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों को प्रशंसनीय बताया। उन्होंने कार्यक्रम में पहुंचने पर मुख्यमंत्री को सम्मान स्वरूप शॉल ओढाया व स्मृति चिन्ह भी भेंट किया। मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और स्कूली बच्चों ने गणेश वंदना की प्रस्तुति भी दी। इस अवसर पर डीसी निशांत कुमार यादव, सीपी कला रामचंद्रन सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहें।
2025 तक लागू होगी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति
सीएम मनोहर लाल ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आरंभ प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम-श्री) योजना का जिक्र करते हुए बताया कि इस योजना से अगले वर्ष तक प्रदेश के सभी 135 खण्डों में दो-दो अर्थात कुल 270 पीएम-श्री स्कूल खोले जाएंगे। हर खण्ड में यह मॉडल स्कूल होंगे और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार इन स्कूलों में बच्चों को शिक्षा दी जाएगी। उन्होंने बताया कि बच्चों को संस्कार के साथ शिक्षा देने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार की गई है। जिसे देश भर में 2030 तक लागू करने का लक्ष्य रखा गया लेकिन हरियाणा में इसे 2025 तक पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा।
स्कूली बच्चों को दिए साढ़े पांच लाख टेबलेट
उन्होंने 21वीं सदी की शिक्षा प्रणाली का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि समय के साथ चीजें बदलती है। हरियाणा में फाइव एस यानी शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वावलंबन व स्वाभिमान के साथ-साथ सुशासन को भी जोड़ा गया। जिसके बीते आठ वर्ष से अधिक समय में सकारात्मक परिणाम निकले। देश में पहली बार सरकारी स्कूलों के बच्चों को टैक्नोलॉजी से जोड़ने के लिए दसवीं से बारहवीं के विद्यार्थियों को साढ़े पांच लाख टेबलेट वितरित किए गए। वहीं हरियाणा के सरकारी स्कूलों में आज स्मार्ट क्लास रूम से शिक्षा दी जा रही है।