अब एक कॉल पर यूपी के बीमार पशु तक पहुंचेंगे डॉक्टर
सीएम योगी ने 520 मोबाइल वेटरनरी यूनिट को दिखाई हरी झंडी
LP Live, Lucknow: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण योजना पशुधन के क्षेत्र में नए युग का सूत्रपात की। उन्होंने रविवार को लखनऊ में केंद्रीय पशुधन, मत्स्य एवं डेयरी मंत्रालय के मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला के साथ 520 मोबाइल वेटरनरी वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
यह योजना वास्तव में उत्तर प्रदेश के पशुधन संरक्षण और संवर्धन के नए अध्याय की शुरुआत है। सीएम योगी ने रविवार को भारत सरकार के सहयोग से शुरू हुई पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण योजना के अंतर्गत 201 करोड़ रूपए की लागत से 520 मोबाइल वेटरनरी यूनिट के फ्लैग ऑफ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार के साथ मिलकर पशुओं के नस्ल सुधार के एक बड़े अभियान को हम लोग आगे बढ़ा रहे हैं। निराश्रित गोवंश के संरक्षण के 6 हजार 600 से अधिक आश्रय स्थल प्रदेश में स्थापित किए गए हैं। प्रदेश के अंदर कुल 12 लाख गोवंश हैं, उनमें से 11 लाख के संरक्षण की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार उठा रही है, जिसमें प्रति गोवंश सरकार नौ सौ रुपए दे रही है। सीएम योगी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश निवेश का बेहतर गंतव्य बनकर उभरा है जो प्रदेश के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य को आगे बढ़ाने का सशक्त माध्यम बना है। वहीं केंद्रीय पशुधन, मत्स्य एवं डेयरी मंत्रालय के मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि पशुओं के स्वास्थ्य के लिए शुरू की गई मोबाइल वेटरनरी यूनिट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का महत्वपूर्ण निर्णय है। उन्होंने कहा कि हमारा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इस दौरान देश ने कई मानक स्थापित किए हैं। इस बीच अबोध पशुओं की वेदना को सुनना अपने आप में बहुत अहम है।
योजना का कैसे मिलेगा लाभ
प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि पशु उपचार, पशुपालक के द्वार योजना भारत सरकार के सहयोग से संचालित हो रही है। सरकार द्वारा निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही इस योजना में पशुपालकों से केवल उनके पशुओं के पंजीकरण का शुल्क लिया जाएगा। टोल फ्री नंबर पर कॉल के एक घंटे के अंदर ही मोबाइल वेटरनरी यूनिट पशुपालक के द्वार पर होगी। योजना के लिए प्रदेश को पांच जोन (लखनऊ, वाराणसी, गोरखगुर आगरा और मेरठ) में बांटा गया है, जिन्हें पांच ऑपरेटर संचालित करेंगे। जनपदों में सभी मोबाइल वेटरनरी यूनिट हाइब्रिड मॉडल पर संचालित होंगी जो देश में अपने तरह का अनूठा मॉडल है। जनपद में 50 प्रतिशत वाहन निर्धारित रूट पर चलेंगे, जबकि 50 प्रतिशत वाहन इमरजेंसी सेवाओं के लिए टोल फ्री नंबर 1962 के माध्यम से संचालित होंगे। इमरजेंसी सेवाएं प्रातः 10 बजे से आठ बजे तक संचालित होंगी। वहीं निर्धारित रूट पर संचालित होने वाली वैन प्रातः आठ बजे से दोपहर दो बजे तक कार्य करेंगी। निदेशालय में स्थापित एकीकृत कंट्रोल एवं कमांड सेंटर द्वारा सभी मोबाइल वेटरनरी यूनिट की रियल टाइम मॉनिटरिंग की जाएगी।