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लोकतंत्र की मजबूती में मीडिया का अहम रोल : उपाध्याय
दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे वश्वि पुस्तक मेले में हुआ प्रो. सीके कुठियाला की पुस्तक 'कम्युनिकेशन एडं मीडिया इन डेवलपिंग सोसायटी' पुस्तक का विमोचन
LP Live, New Delhi: वरिष्ठ पत्रकार एवं रिलायंस इंडस्ट्रीज के मीडिया निदेशक उमेश उपाध्याय ने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती में मीडिया का अहम रोल है। मनीषियों ने इसे लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ माना है। इसलिए पत्रकारों को सत्य लिखना-बोलना, धर्म सम्मत लिखना-बोलना और अप्रिय नहीं लिखना-बोलना चाहिए, तभी समाज का भला होगा। मीडिया का काम वसुधैव कुटुंबकम् की भावना का विस्तार करना है। श्री उपाध्याय ने प्रगति मैदान में चल रहे विश्व पुस्तक मेला में मूर्धन्य विद्वान प्रो. सीके कुठियाला की पुस्तक’ कम्युनिकेशन एंड मीडिया इन डेवलपिंग सोसायटी’ के विमोचन समारोह के दौरान यह कहा। इस पुस्तक का प्रकाशन किताब वाले प्रकाशन समूह ने किया है।
उमेश उपाध्याय ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा कहानीकार है, लेकिन दुर्भाग्यवश पिछले करीब हजार साल से हमारी कहानी कोई और कह रहा है। इससे काफी गलतफहमी हो गई है। भारतीय मीडिया क्षेत्र में कई किताबें हैं, जिसके लेखक विदेशी हैं। उनके नजरिये और अपने नजरिये में जमीन-आसमान का अंतर है। नतीजतन उन किताबों को पढ़कर आने वाले छात्र नकारात्मक खबरों पर ज्यादा फोकस करते हैं। इससे पत्रकारिता के गौरव को धक्का लगा है। कोरोना के दौरान मीडिया का रोल खासकर इलेक्ट्रानिक मीडिया का अच्छा नहीं कहा जा सकता।
इस अवसर पर पुस्तक के लेखक प्रो. सीके कुठियाला ने कहा कि मीडिया अपने शब्दों से ब्रह्म भी पैदा करने की ताकत रखता है और भ्रम भी पैदा करने की ताकत रखता है। इसलिए मीडिया के क्षेत्र में शब्दों के चयन के लिए एक संहिता बनाने की जरूरत है। पश्चिमी ज्ञान भारतीय आबोहवा के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पत्रकारिता का व्यापारीगण समाज के लिए ख़तरनाक है। आज के परिप्रेक्ष्य में सुसंवादित मीडिया वक्त की जरूरत है।
इससे पूर्व किताब वाले के स्टाल पर वरिष्ठ साहित्यकार गिरीश पंकज के उपन्यास ‘ये घर हुआ बेगाना’ और लेखिका संतोष श्रीवास्तव के उपन्यास ‘कैथरीन और नागा साधुओं की रहस्यमयी दुनिया’ का विमोचन वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार प्रेम जनमेजय, हरीश पाठक, हीरालाल नागर, राम कुमार कृषक, डा. संजीव कुमार, प्रशान्त जैन और अरुण भगत ने किया।