पूर्वोत्तर में लगातार बढ़ रहा है भाजपा का प्रभाव
LP Live, New Delhi: पूर्वोत्तर के तीन राज्य विधानसभा चुनाव के नतीजों में भाजपा को फायदा मिलता देखा जा रहा है। त्रिपुरा में भाजपा एक बार फिर सरकार बनाने जा रही है। जबकि नागालैंड में एनडीपीपी-भाजपा गठबंधन को बहुमत मिला है। मेघालय में अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले पूर्वोत्तर के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड के चुनावी नतीजों ने साफ कर दिया कि भाजपा का उत्तर-पूर्व के राज्यों में प्रभाव बढ़ा है।
पूर्वोत्तर के इन तीनों राज्यों के चुनाव नतीजो के मुताबिक त्रिपुरा में 33 सीट जीतकर बहुमत हासिल कर चुकी भाजपा फिर सरकार बनाने जा रही है। त्रिपुरा में सीपीआईएम -कांग्रेस गठबंधन केवल 14 सीटो पर सिमट कर चुनाव हार गया है। वहीं 60 सदस्यीय नागालैंड विधानसभा चुनाव में एनडीए को 37 सीटों पर जीत मिली है। नागालैंड में सत्तारूढ़ एनडीपीपी-भाजपा गठबंधन ने बहुमत हासिल कर लिया। इसमें भाजपा को 12 सीटों, जबकि उसकी सहयोगी एनडीपीपी को 25 सीटों पर सफलता मिली है। नागालैंड में हैरानी की बात यह रही कि कांग्रेस एक भी सीट पर जीतने में सफल नहीं हो पाई। राज्य में जेडीयू को 1 विधानसभा सीट, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 2 सीटों, एनपीएफ को 2 सीटों, एनसीपी को 6 सीटों पर सफलता मिली है जबकि वह एक सीट पर आगे चल रही है। वहीं मेघालय में भी भाजपा की स्थिति बेहतर हुई है। हालांकि मेघालय विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। राज्य में एनपीपी 26 सीटे जीतकर एक बार फिर से सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। भाजपा को महज 2 सीटों पर जीत नसीब हुई, जबकि ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी 5 विधानसभा सीटों पर चुनाव जीतने में सफल रही है। वहीं कांग्रेस भी यहां पांच सीटे मिली हैं। पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट 2 सीटों पर जीतने में सफल रहा है। जबकि यूडीपी के उम्मीदवारों को 11 सीटों पर सफलता हाथ लगी है।
पूर्वोत्तर में कहां कहां भाजपा की सत्ता
पूर्वोत्तर के असम में भाजपा की सरकार है, जहां 2016 में भाजपा ने असम में कांग्रेस के 15 साल के शासन को खत्म कर सत्ता कब्जाई थी। वहीं अरुणाचल प्रदेश में भाजपा ने कांग्रेसी मुख्यमंत्री पेमा खांडू की पार्टी को अपनी तरफ मिलाकर सत्ता हासिल की है। मसलन 2019 में अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 60 में से 41 सीटें जीतीं थीं। मणिपुर में भी 2017 में भाजपा ने जीत हासिल की थी, जहां पूर्व कांग्रेसी एन बीरेन सिंह को मुख्यमंत्री बनाया था और उसके बाद 2022 में फिर भाजपा को जीत मिली थी। जबकि सिक्किम और मिजोरम में स्थानीय पार्टियां सत्ता में हैं।