
विपक्ष के हंगामे के बावजूद राज्य सभा में हुआ लोकसभा से ज्यादा काम
लोकपथ लाइव, नई दिल्ली (ओ.पी. पाल): संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान मनरेगा के स्थान पर विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानि वीबी-जी राम जी विधेयक पारित कराने के बाद लोकसभा और राज्य सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर विपक्षी सांसदों के हंगामे के दौरान दोनों सदनों की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। वहीं लोकसभा के बाद राज्य सभा में देर रात ‘जी राम जी’ बिल 2025 को पारित कर दिया गया। संसद से ‘जी राम जी’ बिल पारित होने के विरोध में विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में रात धरना देकर इसे लोकतंत्र पर हमला करार दिया।


संसद के 1 दिसंबर, 2025 को आरंभ हुए शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को सुबह 11 बजे जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, तो विपक्षी सांसदों के हंगामें के कारण लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। इसी प्रकार दूसरी ओर राज्यसभा की कार्यवाही शुरु होतें ही विपक्षी सांसदों के हंगामें के बीच सभापति सीपी राधाकृष्णन ने संसदीय कामकाज की औपचारिकताएं पूरी करवाकर उच्च सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। ‘जी राम जी’ बिल को संसद से मंजूरी मिलने पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह बिल गरीबों के कल्याण का सबब बनेगा और रोजगार के अवसर बढ़ाएगा। इस बिल में ग्रामीण परिवारों के वयस्क सदस्यों को अकुशल श्रम के लिए 125 दिन का रोजगार देने का प्रावधान किया गया है। इस योजना में केंद्र और राज्यों के बीच फंड साझा करने का अनुपात 60:40 रहेगा। पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों के लिए यह 90:10 होगा।

जी राम जी विधेयक को मिली संसद की मंजूरी
लोकसभा में विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानि वीबी-जी राम जी विधेयक को लोकसभा में पारित कराने के बाद बीती आधी रात राज्यसभा ने ध्वनि मत से मंजूरी दे दी। अब यह विधेयक राष्ट्रपति की मुहर लगते ही महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम यानी मनरेगा की जगह ले लेगा। सरकार ने इस नए कानून में ग्रामीण परिवारों को सालाना 125 दिन का मजदूरी रोजगार देने का प्रावधान किया गया है।
राज्यसभा में हुआ ज्यादा काम
लोकसभा में शीतकालीन सत्र की 15 बैठकों में कार्य उत्पादकता 111 प्रतिशत रही। जबकि राज्यसभा का कार्य उत्पादकता 121 प्रतिशत दर्ज की गई। राज्यसभा के सभापति सीपी राधाकृष्णन ने 269वें सेशन के आखिर दिन कहा कि इस सेशन में ज़ीरो आवर नोटिस की संख्या बहुत ज़्यादा थी, हर दिन औसतन 84 से ज़्यादा नोटिस मिले,जो पिछले दो सेशन की तुलना में लगभग 31 परसेंट ज़्यादा है। इसके अलावा, ज़ीरो आवर के दौरान असल में उठाए गए मामलों की संख्या पिछले बेंचमार्क से काफी ज़्यादा थी, हर दिन औसतन 15 से ज़्यादा मामले उठाए गए, जो पिछले दो सेशन की तुलना में लगभग 50 परसेंट ज़्यादा है। उच्च सदन ने हमारे राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ की 150वीं सालगिरह पर एक खास यादगार चर्चा की, जिसमें 82 सदस्यों ने हिस्सा लिया। इस दौरान सदन ने ज़रूरी फाइनेंशियल और लेजिस्लेटिव काम भी किए, जिसमें कई ज़रूरी बिलों पर कंस्ट्रक्टिव बहस और एक्टिव पार्टिसिपेशन हुआ। सदन ने 8 बिल पास/वापस किए और वॉटर (प्रदूषण की रोकथाम और कंट्रोल) अमेंडमेंट एक्ट, 2024 के बारे में एक स्टैच्युटरी रेज़ोल्यूशन अपनाया, जिसमें कुल 212 मेंबर्स ने हिस्सा लिया।
विपक्ष का विरोध
राज्यसभा में ग्रामीण रोजगार से जुड़े जी राम जी बिल 2025 को मंजूरी मिलने के बाद आधी रात को ही विपक्षी दलों ने संविधान सदन के बाहर धरना देकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया, जहां विपक्षी दलों ने इस विधेयकद को गरीब, किसान और मजदूर विरोधी करार देते हुए इसे लोकतंत्र पर हमला बताया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस बिल का विरोध करते हुए कहा कि मनरेगा जैसी जो योजना करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन थी, सरकार ने उसे खत्म करने का काम किया है। उन्होंने चेतावनी दी कि जिस तरह तीन कृषि कानून वापस लिए गए थे, उसी तरह सरकार को यह कानून भी वापस लेना पड़ेगा। इसके लिए विपक्ष देशभर में आंदोलन चलाएगा।












Total views : 150225