
उत्तराखंड की विभूतियों के सम्मान पर योगी आदित्यनाथ ने जताया हर्ष
योगी के प्लरयास से लखनऊ को विश्व की धरोहर के रूप में समावेशित: गजेंद्र सिंह शेखावत
LP Live, Lucknow: लखनऊ में चल रहे उत्तराखंड महोत्सव में मुख्यंमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकगीत कला व लोकगीत के इतिहास को संरक्षित करने पर बल देते हुए कहा कि भारत के कई गौरवशाली क्षण हैं जिसे विदेशी इतिहासकारों ने शरारतन भारत के गौरवशाली इतिहास के साथ नहीं जोड़ा। ऐसे में भारत के गौरव व गरिमा से जुड़े हुए पन्नों को सहेजने का काम लोकगायन व परंपरा के माध्यम से हमें सुनने देखने को प्राप्त होती है।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड महोत्सव में केंद्रीय पर्यटन व संस्कृति मंत्री गजेंद्र शेखावत की मौजूदगी में कहा कि मां गंगा, यमुना, सरयू व शारदा जैसी नदियां देवभूमि के पावन क्षेत्र से होकर उत्तर प्रदेश की भूमि को उपजाऊ करते हुए यहां की धरती से सोना उगलने वाली धरती के रूप में परिवर्तित करने का कार्य करती हैं। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए अपनी जवानी लगाने वाला उत्तराखंड का नौजवान और अमृत तुल्य जल देने वाली पवित्र नदियां उत्तराखंड से ही आती हैं। के महत्व को रेखांकित करते हुए योगी ने कहा कि वास्तव में यह महोत्सव हमारी लोककला व संस्कृति को जीवंत बना रखने का एक माध्यम है।

उत्तराखंड के नागरिकों की अटूट देशभक्ति
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश की सुरक्षा और देश के प्रत्येक क्षेत्र में उत्तराखंड का नागरिक जब काम करता है तो अपनी अटूट देशभक्ति के कारण वह अपने आप को वहां की स्थानीय संस्कृति के साथ समरस करने में देर नहीं लगाता है। उन्होंने कहा कि आज का ये समारोह भी अवधी संस्कृति और उत्तराखंड की संस्कृति के बेहतर समन्वय का ही परिणाम है। उत्तराखंड महोत्सव में एक ओर अवध के श्रीराम तो दूसरी ओर उत्तराखंड के बद्री विशाल व चारों धाम जुड़कर महोत्सव को एक नई ऊंचाई तक पहुंचाने में अपना योगदान देते हैं। उन्होंने कहा कि ये उत्तर प्रदेश और देश का गौरव है कि उसी उत्तराखंड ने हेमवती नंदन बहुगुणा व नारायण दत्त तिवारी को जन्म दिया जिन्होंने लंबे समय तक उत्तर प्रदेश व देश के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य किया। देश के स्वाधीनता आंदोलन में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली का स्मरण हर देशभक्त करता है। वहीं भारत की रक्षा सेनाओं की एकीकृत विंग के कमांडर इन चीफ के रूप में देश के पहले सीडीएस जनरल विपिन रावत भी उत्तराखंड की पावन भूमि की देन हैं।
गजेंद्र सिंह शेखावत ने योगी सरकार के प्रयासों को सराहा
समारोह में केंद्रीय पर्यटन व संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि आज हम सब लोग लखनऊ की धरती पर हैं और यूनेस्को ने वर्ल्ड क्रिएटिव सिटी की लिस्ट में भोजन की उत्कृष्ट परंपरा का निर्वहन करने के लिए लखनऊ को विश्व की धरोहर के रूप में समावेशित किया है। उन्होंने राज्य सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि इस उपलब्धि को प्राप्त करने के लिए जिस प्रकार मुख्यमंत्री योगी की अगुआई में हर छोटी-छोटी बारीकी रचने व गढ़ने का काम किया गया, जिसमें डोजियर बनाने व सब्मिट करना शामिल है, निश्चित तौर पर उत्तर प्रदेश द्वारा प्रोएक्टिवली किया गया यह काम अनुकरणीय है और इसके लिए सभी बधाई के पात्र हैं। उत्तराखंड महोत्सव के बारे में शेखावत ने कहा कि लखनऊ में विशिष्ट पहचान बना चुके इस कार्यक्रम में उपस्थित होना गर्व का विषय है। जिस पौधे को गोविंदवल्लभ पंत ने महापरिषद के रूप में लगाया था वह आज विशाल वृक्ष का रूप ले चुका है।
समारोह में विभूतियों के सम्मान
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि महापरिषद प्रतिवर्ष उत्तराखंड गौरव सम्मान से कुछ विभूतियों को सम्मानित करती है। इसी क्रम में डॉ. सुरेश चन्द्र फुलारा (स्वदेशी उत्पाद एवं आजीविका के क्षेत्र में), राष्ट्रपति पुरस्कार से अलंकृत डॉ. मंजू बाला (शिक्षा के क्षेत्र में), डॉ. चन्द्र मोहन नौटियाल (विज्ञान के क्षेत्र में) तथा प्रो. दीवान एस. रावत (रसायन विज्ञान एवं अनुसन्धान के क्षेत्र में) को सम्मानित करने के निर्णय पर सीएम योगी ने प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जब इस प्रकार की संस्थाएं देश, समाज व संस्कृति के लिए कार्य करती हैं तो संस्थाएं स्वयं भी सम्मानित होती हैं।
उत्तराखंड महोत्सव के कैलेंडर का भी विमोचन
कार्यक्रम में पूर्व सांसद व मंत्री प्रो. रीता बहुगुणा जोशी, लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल, विधायक ओपी श्रीवास्तव (लखनऊ पूर्वी) व अन्य गणमान्य भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वल्लन द्वारा किया गया। उत्तराखंड की बालिकाओं द्वारा अतिथियों को पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र व प्रतीक चिह्न प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री द्वारा ‘उत्तराखंड दर्पण स्मारिकाः वसुधैव कुटुम्बकम्’ का भी विमोचन किया गया। इस दौरान, उत्तराखंड महोत्सव के कैलेंडर का भी विमोचन किया गया। कार्यक्रम में उत्तराखंड महापरिषद के अध्यक्ष हरिश्चंद्र पंत, संयोजक दीवान सिंह अधिकारी, महासचिव भरत सिंह बिष्ट व अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे। संबोधन के उपरांत रंगारंग कार्यक्रम के माध्यम से कलाकारों ने उत्तराखंड की पारंपरिक लोक संस्कृति का दर्शन सभी को कराया। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में मां नंदा-सुनंदा की स्तुति प्रमुख रही।












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