
LP Live, LUCKNOW/Muzaffarnagar: ईंट भट्ठा स्वामियों ने शुक्रवार को प्रमुख सचिव राज्य कर विभाग एम देवराज से मुलाकात की। उन्होंने भट्टों के मासिक सर्वे आदेश को अव्यावहारिक बताते हुए वापस लेने की मांग की। उनका कहना है कि यह आदेश उद्योग के लिए बोझ बन जाएगा और इससे व्यापारियों का शोषण बढ़ेगा।
मुजफ्फरनगर ईंट निर्माता समिति के अध्यक्ष राकेश डागर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल लखनऊ पहुंचा। उन्होंने राज्य कर विभाग के प्रमुख सचिव को एक ज्ञापन दिया, जिसमें भट्ठा स्वामियों ने बताया कि मुजफ्फरनगर जीएसटी कमिश्नर एक आदेश ईंट भट्टा स्वामियों के लिए जारी किया है, जिसमें हर महीने ईंट भट्ठों का स्थलीय निरीक्षण करने और निर्मित ईंटों, ईंधन भंडार व उत्पादन की रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इस व्यवस्था से मनमाने आंकलन और कर निर्धारण की संभावना बढ़ेगी, जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। भट्ठा संचालकों ने कहा कि वे ज्यादातर कृषि अपशिष्ट जैसे पराली और सरसों की तूड़ी को ईंधन के रूप में इस्तेमाल करते हैं, जिस पर जीएसटी लागू नहीं है, इसलिए स्टॉक की जांच का कोई औचित्य नहीं है। ज्ञापन देने वालों में राकेश डागर, केपी सिंह, कंवरपाल सिंह, राजेंद्र सिंह तोमर, शमशाद अली आदि मौजद रहे।
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