
शहीद पुलिस निरीक्षक सुनील, मुख्य आरक्षी दुर्गेश और आरक्षी सौरभ के परिजनों से की मुलाकात
तीनों पुलिसकर्मियों के बलिदान ने पुलिस बल को किया गौरवान्वित
LP Live, Lucknow: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को पुलिस स्मृति दिवस पर शहीद पुलिसकर्मियों को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की और मुख्यमंत्री रिज़र्व पुलिस लाइन में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस समारोह में प्रदेश पुलिस के वीर शहीदों को नमन किया। इस दौरान उन्होंने शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सम्मानित किया।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर कहा कि वर्ष 2024-25 के दौरान उत्तर प्रदेश के तीन बहादुर पुलिसकर्मियों एसटीएफ निरीक्षक सुनील कुमार, मुख्य आरक्षी दुर्गेश कुमार सिंह (जौनपुर) और आरक्षी सौरभ कुमार (गौतमबुद्ध नगर) ने अपने प्राणों की आहुति दी। मुख्यमंत्री ने शहीद पुलिस कर्मियों के परिजनों को भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार उनके कल्याण के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ हर कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि 96 पुलिस कर्मियों (केंद्रीय बलों एवं अन्य राज्यों के मूल निवासी यूपी के पुलिसकर्मी सहित) को कुल 30.70 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पुलिस बल के मनोबल, कार्यकुशलता और व्यावसायिक दक्षता को सशक्त करने के लिए कई अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस कर्मियों की सेवानिवृत्ति और मृत्यु के उपरांत 90 प्रतिशत जीपीएफ के 2,511 प्रकरणों का भुगतान किया गया, जबकि उत्तर प्रदेश सामान्य भविष्य निधि नियमावली 1985 के अंतर्गत पुलिस मुख्यालय संभाग के 108 पुलिस कार्मिकों को अग्रिम धनराशि स्वीकृत की गई। 234 पुलिसकर्मियों के मेधावी बच्चों को 51.10 लाख रुपये की छात्रवृत्ति दी गई तथा 1.12 करोड़ रुपये की अतिरिक्त स्वीकृति प्रदान की गई।

आठ साल में शहीद हुए 18 पुलिसकर्मी
उत्तर प्रदेश पुलिस प्रदेशवासियों को सुरक्षित और सौहार्दपूर्ण माहौल देने के लिए लगातार अपराध और अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। इस दौरान अदम्य साहस और कर्तव्यों का पालन करते हुए कई यूपी पुलिसकर्मी शहीद हो गये। पिछले आठ वर्ष में अपराधियों से लोहा लेते हुए 18 पुलिसकर्मी शहीद हो गये, जबकि 1 सितंबर 24 से 31अगस्त 25 के बीच तीन पुलिसकर्मी शहीद हुए। प्रदेश पुलिस के तीन वीर सपूतों निरीक्षक/दलनायक सुनील कुमार (एसटीएफ), मुख्य आरक्षी दुर्गेश कुमार सिंह (जनपद जौनपुर) और आरक्षी सौरभ कुमार (कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर) ने कर्तव्य पालन के दौरान अपने प्राणों की आहुति देकर यह सिद्ध कर दिया कि उत्तर प्रदेश पुलिस का हर जवान देश और समाज की सुरक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान देने से पीछे नहीं हटता। उनके साहस, समर्पण और वीरता ने पूरे पुलिस बल को गौरवान्वित किया है। इन वीर सपूतों से कर्तव्य का पालन करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी।
कर्तव्यनिष्ठ पुलिसकर्मियों का सम्मान
मुख्यमंत्री ने बताया कि कर्तव्यनिष्ठ पुलिसकर्मियों के सम्मान में 34 कर्मियों को राष्ट्रपति वीरता पदक, 11 को विशिष्ट सेवा पदक और 145 को सराहनीय सेवा पदक मिले हैं। गृह मंत्रालय ने 763 कर्मियों को उत्कृष्ट सेवा पदक, जबकि 486 को सराहनीय सेवा पदक प्रदान किए हैं। मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक तीन राजपत्रित अधिकारियों को प्रदान किए गए। पुलिस महानिदेशक द्वारा 90 राजपत्रित और 404 अराजपत्रित कर्मियों को सम्मान चिन्ह प्रदान किए गए। वहीं 35 प्लेटिनम, 115 गोल्ड और 789 सिल्वर प्रशंसा चिन्ह भी दिए गए।
वर्ष 1960 से मनाया जा रहा पुलिस स्मृति दिवस
भारत में पुलिस स्मृति दिवस हर साल 21 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह दिन उन पुलिसकर्मियों की स्मृति में समर्पित है जिन्होंने देश की आंतरिक सुरक्षा, शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी। यह दिवस न केवल उनकी शहादत को याद करने का अवसर है, बल्कि पुलिस बल के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने का भी प्रतीक है। इस दिवस की शुरुआत 21 अक्टूबर 1959 को घटी एक ऐतिहासिक घटना से हुई। उस दिन लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के एक गश्ती दल पर चीनी सैनिकों ने घात लगाकर हमला किया। इस हमले में सीमा की रक्षा करते हुए 10 भारतीय पुलिसकर्मी वीरगति को प्राप्त हुए। इस घटना के बाद 1960 से प्रत्येक वर्ष 21 अक्टूबर को “पुलिस स्मृति दिवस” मनाने की परंपरा शुरू की गई, ताकि उन बहादुर पुलिस जवानों के बलिदान को सदैव याद रखा जा सके।











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