
LP Live, Muzaffarnagar: मावा आढ़ती एसोसिएशन के द्वारा व्यापारियों पर ब्लैकमेल के आरोपों में घिरे व्यापारी नेता कृष्णगोपाल मित्तल भी सफाई देने के लिए आगे आए। कृष्ण गोपाल मित्तल ने संगठन के सदस्यों के साथ आरोपों को निराधार बताया और कहा कि वह ब्लैकमेलर नहीं है।उन पर आरोप लगाने वालों को लखनऊ तक नहीं छोड़ा जाएगा। विभागीय अधिकारियों की कार्रवाई भी सवालों के घेरे में है। अधिकारियों ने निजी धर्मशाला में डिप फ्रिज में मावा रखवाया, जबकि धर्मशाला के पदाधिकारी मावा व्यापारी है।
नवीन मंडी में व्यापारियों ने की प्रेस वार्ता, भाजपा नेताओं पर भी आरोप
कोयले के व्यापारी कृष्ण गोपाल मित्तल ने रविवार को नवीन मंडी स्थल पर संयुक्त व्यापार संघ संघर्ष समिति के अध्यक्ष संजय मिश्रा के प्रतिष्ठान पर पत्रकारों से वार्ता की। उन्होंने कहा कि वह बचपन से मावा मंडी रहकर बड़े हुए है। कहा कि शहर में मिलावटी मावा और पनीर बिक रहा है, जिस कारण लोगों की मौत हो रही है, इसी के खिलाफ उन्होंने लड़ाई लड़ी है, जिसमें उन्हें ब्लैकमेल बताया गया। उन्होंने दो भाजपा नेताओं का मिलावट का कारोबार करने वाले मावा आढ़तियों को पूरा संरक्षण देने के भी आरोप लगाए हैं।
खाद्य विभाग के अधिकारी मावा व्यापारियों के दबाव में आए!
कृष्णगोपाल मित्तल ने कहा कि खाद्य विभाग के अफसरों ने कुछ मावा माफियाओं के दबाव में सीज मावा अबुपुरा स्थित उसी धर्मशाला में रखया था, जिस धर्मशाला के पदाधिकारी स्वयं मावा विक्रेता हैं, विभाग ने प्रशासन से अनुमति नहीं ली। ये नियम के खिलाफ है। कृष्णगोपाल मित्तल ने सहायक खाद्य आयुक्त अर्चना धीरान पर भी सीधा आरोप लगाया कि उन्होंने मिलीभगत करते हुए कुछ मावा आढ़तियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का काम किया और ढाई कुंतल मावा पकड़ा गया था, लेकिन इससे बहुत कम मात्रा में मावा नष्ट कराया गया, इसके लिए उन्होंने जांच की मांग की। इस दौरान संजय मिश्रा, राकेश त्यागी, बलविंदर सिंह, शलभ गुप्ता, राजकुमार कालरा, तरूण मित्तल, बिट्टू सिखेडा आदि व्यापारी मौजूद रहे।
खाद्य सुरक्षा विभाग की सहायक आयुक्त अर्चना धीरान का कहना है कि इस मामले की पूरी कार्रवाई डीएम की निगरानी में हुई है। मावे को डीप फ्रिज में रखवाने के लिए धर्मशाला पहुंचा था, सैंपल भी सार्वजनिक रूप से लैब में जांच को भेज गए हैं।
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