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उत्तराखंड: पंचायत चुनाव का संशोधित कार्यक्रम घोषित

दो चरणों में 24 जुलाई व 28 जुलाई को डाले जाएंगे वोट
LP Live, Dehradun: उत्तराखंड में पंचायत चुनाव पर लगी रोक हटाते हुए हाई कोर्ट के आदेश पर राज्य निर्वाचन आयोग ने शनि‍वार को पंचायत चुनाव का संशोधित कार्यक्रम जारी कर दिया। इसके तहत अब यह चुनाव दो चरणों 24 जुलाई व 28 जुलाई में होगा और दो जुलाई से नामांकन प्रक्रिया शुरु हो जाएगी। वहीं कोर्ट ने राज्य सरकार से चुनावों के लिए राज्य के आरक्षण रोस्टर में अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली जनहित याचिकाओं पर जवाब भी मांगा है।

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गौरतलब है कि नैनीताल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राज्य में पंचायत चुनावों पर लगी रोक हटाते हुए राज्य सरकार से चुनावों के लिए राज्य के आरक्षण रोस्टर में अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली जनहित याचिकाओं पर जवाब मांगा और पंचायत चुनाव का कार्यक्रम दोबारा जारी करने के आदेश दिये। इस आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने शनि‍वार को पंचायत चुनाव का संशोधित कार्यक्रम जारी कर दिया है। चुनाव कार्यक्रम के अनुसार अब पंचायत चुनाव दो चरणों मे होंगे और चुनाव की प्रक्रिया अब दो जुलाई से नामांकन के साथ शुरू होगी। मतदान 24 जुलाई व 28 जुलाई को होगा। मतगणना 31 जुलाई से प्रारम्भ होगी। इससे पहले पंचायत चुनाव के लिए पूर्व में जो कार्यक्रम अधिसूचित किया गया था, उसके मुताबिक 25 से 28 जून तक नामांकन दाखिल किए जाने थे। 10 व 15 जुलाई को मतदान की तिथियां निर्धारित की गई थी, लेकिन हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी।

तीन सप्ताह में मांगा जवाब
राज्य में पंचायत चुनावों के लिए आरक्षण रोस्टर को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक महारा की खंडपीठ ने राज्य में पंचायत चुनावों पर लगी रोक हटा दी। पीठ ने राज्य चुनाव आयोग को पहले के चुनाव कार्यक्रम को तीन दिन आगे बढ़ाते हुए नया कार्यक्रम जारी करने का निर्देश दिया। अदालत ने सरकार से याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाए गए मुद्दों पर तीन सप्ताह के भीतर जवाब देने को भी कहा।

याचिकाओं में उठाए गये थे सवाल
अदालत में दायर याचिकाओं में ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष सीटों पर आरक्षण के आवंटन पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि आरक्षण रोस्टर में कई सीटें लंबे समय से एक ही वर्ग के प्रतिनिधित्व में हैं, जो संविधान के अनुच्छेद 243 और समय-समय पर पारित सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है। महाधिवक्ता एस एन बाबुलकर और मुख्य स्थायी वकील सी डी रावत ने कहा कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट के बाद पिछले आरक्षण रोस्टर को अमान्य घोषित करना और मौजूदा पंचायत चुनावों के लिए नया रोस्टर जारी करना जरूरी है।

कांग्रेस को लगा झटक: भट्ट
राज्यसभा सदस्य एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने पंचायत चुनाव को लेकर हाईकोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि इससे गांवों की सरकार चुनने का रास्ता साफ हो गया है। विपक्ष कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव की राह मे रोड़े अटकाती आ रही कांग्रेस ने सरकार पर उल्टे चुनाव न कराने के आरोप लगाए, लेकिन अब उसके मुंह पर तमाचा लगा है। मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में भट्ट ने कहा कि सरकार, जनता और भाजपा सभी शुरुआत से चुनाव के पक्ष में रहे हैं।

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