माँ -एक शब्द नहीं, सम्पूर्ण जीवन का एहसास है: नेहा सिंह
लेखिका नेहा सिंह ने उकेरी मन की बात, मदर्स डे पर लिखा विशेष लेख।


माँ… एक ऐसा शब्द जो जितना सरल है, उतना ही गहन भी। इस शब्द में वह सब कुछ समाया हुआ है, जो एक इंसान को संपूर्ण बनाता है। ममता, सुरक्षा, अपनापन और निःस्वार्थ प्रेम।
जब तक मैं खुद माँ नहीं बनी थी, तब तक शायद इस शब्द के असली अर्थ को मैं पूरी तरह समझ नहीं पाई थी, लेकिन जुड़वां बेटियों की मां बनने के बाद जैसे मेरी दुनिया ही बदल गई। जब मेरी बेटियाँ मुझे ‘मम्मा’ कहकर पुकारती हैं, तो वह सिर्फ एक शब्द नहीं होता, वह एक भावना होती है, एक विश्वास होता है, कि उनके लिए मैं वह जगह हूँ जहाँ वे पूरी तरह सुरक्षित हैं।
माँ होना एक अनोखा अनुभव है। वह क्षण जब आप महसूस करते हैं कि किसी की दुनिया आपके इर्द-गिर्द घूमती है, कि आप किसी के लिए सबसे ज़रूरी इंसान हैं। चाहे वह खुशी का पल हो या किसी डर की घड़ी, आपका बच्चा सबसे पहले आपको ही ढूंढता है। यह एहसास अपने आप में एक आशीर्वाद है।

माँ बनने के बाद मुझे अपने ही बचपन की बहुत-सी बातें याद आईं। तब जाकर मुझे समझ में आया कि मेरी माँ ने मेरे लिए कितने त्याग किए, कितनी रातें जागकर बिताई होंगी, और कैसे हर छोटी-बड़ी जरूरत में मैं उनके बिना अधूरी थी। अब जब मैंने खुद उस सफर की शुरुआत की है, तो माँ की ममता, उनका धैर्य और उनका प्रेम और भी ज्यादा गहराई से समझ में आता है।
आज जब मातृ दिवस पर मैं अपनी माँ को देखती हूँ, तो मन भर आता है। मैं भगवान का धन्यवाद करती हूँ कि मुझे यह अवसर मिला कि मैं अपनी माँ को उनके प्यार और समर्पण के लिए धन्यवाद दे सकूं। उन्हें यह जता सकूं कि वे मेरे लिए कितनी खास हैं।
मातृत्व सिर्फ एक भूमिका नहीं, बल्कि जीवन की सबसे सुंदर और सशक्त पहचान है। मातृ दिवस उन सभी माओं को समर्पित है, जो अपने बच्चों के लिए हर दिन खुद को न्यौछावर करती हैं। आज, मेरी तरफ़ से हर माँ को एक सलाम- और मेरी माँ को, एक दिल से निकला हुआ धन्यवाद।
- लेखिका उत्तर प्रदेश के मेरठ की निवासी है।
