उत्तराखंडदेश

स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान में स्थापित हो संसद भवन

देशभर से संग्रहित किये गये 152 शहीदो की रज

हरिद्वार जिले में सुनहरा वट वृक्ष से संग्रहीत की गई रज
LP Live, Roorki: स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति ने देश के प्रत्येक जिले से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के स्मारकों तथा शहीद स्थलों से पावन रज संग्रहीत करने के रचनात्मक अभियान की शुरुआत की है। वहीं संसद के पुराने भवन को
देश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों व शहीदों के सम्मान तथा अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए संघर्षरत समिति ने अपने सहयोगी 37 संगठनों के साथ रविवार को जनपद हरिद्वार में राजा विजय सिंह व सेनापति कल्याण सिंह के बलिदान स्थल कुंजा बहादुरपुर व 152 क्रान्तिकारियों के शहीद स्थल सुनहरा वट वृक्ष से पावन रज संग्रहीत की गई है। समिति के महासचिव जितेन्द्र रघुवंशी ने बताया कि अपने पूर्वज स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा शहीदों को यथोचित सम्मान दिलाने के उद्देश्य से सरकार से मांग की गई है। समिति ने नई दिल्ली में पुराने संसद भवन को अब राष्ट्रीय स्वतंत्रता सेनानी मेमोरियल घोषित करने की मांग भी की है, जिसमें देशभर के स्वतंत्रता सेनानियों व शहीदों के इतिहास को संरक्षित किया जाए। इसी मांग के समर्थन में प्रत्येक जिले से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के स्मारकों तथा शहीद स्थलों से पावन रज एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं शहीदों का सचित्र इतिहास एकत्रित करने का कार्य आज से शुरू किया गया है। इस पावन रज संग्रह अभियान को पूर्णता तक पहुंचाने के लिए सहयोगी संगठनों के पदाधिकारियों से गहन चर्चा करके विभिन्न प्रांतों के पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए गए हैं, जो अपने प्रान्त के अलावा सौंपे गए प्रान्तों को भी गति प्रदान करेंगे। आवश्यकता पड़ने पर उस प्रान्त की यात्रा भी करेंगे।
रणबांकुरों को मिले पहचान
रघुवंशी ने बताया कि देश मे जो भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्मारक या शहीद स्मारक बने हुए हैं, उनकी पावन रज डिब्बों में भरकर एकत्रित की जा रही है, उन स्मारकों के चित्र तथा स्मारकों में अंकित स्वतंत्रता सेनानियों या शहीदों की नामावली भी ली जाएगी। इसके साथ ही उस जिले में जो भी स्वतंत्रता सेनानी या शहीद परिवार हैं, उनके घरों में जाकर स्वतंत्रता सेनानियों के पदरज, स्वतंत्रता सेनानी परिचय, उनके परिवारों का विवरण तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का चित्र भी एकत्रित किया जाएगा, जिन्हें जिला मुख्यालयों में संग्रहीत किया जाएगा। जिसके आधार पर जिलेवार स्मारिकाओं व पुस्तकों का प्रकाशन होगा । सरकार से अनुरोध किया जाएगा कि वह स्वतंत्रता सेनानियों एवं शहीदों के इतिहास को पुराने संसद भवन में सम्मान पूर्वक स्थापित करे। अमर शहीद जगदीश प्रसाद वत्स के भांजे वरिष्ठ पत्रकार श्रीगोपाल नारसन ने बताया कि कोरोना महामारी का जो विषधर दिखाई देने लगा है, उससे सावधानी बरतते हुए सरकार द्वारा निर्धारित मानकों का पालन करते हुए ही हमें यह पुनीत कार्य करना है, ताकि अपने आप को सुरक्षित रखते हुए अपने पूर्वजों का सम्मान और अपने अस्तित्व की रक्षा करने में सफलता प्राप्त कर सकें।

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