उत्तर प्रदेश

मथुरा-वृन्दावन विकास प्राधिकरण पर सख्त इलाहाबाद हाईकोर्ट

डैम्पियर नगर के भू-उपयोग की जानकारी देने का दिया आदेश

प्राधिकारण के बाद सूचना आयोग लखनऊ ने भी मामले को किया था नजर अंदाज
LP Live, Desk: उत्तर प्रदेश के मथुरा के वृन्दावन शहर में डैम्पियर नगर के भू-उपयोग और व्यवसायिक निर्माणों आदि की जानकारी न देने और फिर यूपी राज्य सूचना आयोग द्वारा मामले को नजरअंदाज करने पर मामला अदालत पहुंचा। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सुनवाई की और प्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त को याचिकाकर्ता के सुनवाई आवेदन पर निर्णय करने और वादी द्वारा मांगी गई जानकाकरी दो माह के भीतर उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने वाले बालकृष्ण अग्रवाल ने बताया कि 28 दिसंबर 2020 को सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत जनसूचना अधिकारी/सचिव मथुरा वृन्दावन विकास प्राधिकरण से शहर के डैम्पियर नगर के भू-उपयोग और व्यवसायिक निर्माणों आदि के सम्बंध में पांच बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई थी, लेकिन जानकारी या सूचना उपलब्ध न कराये जाने पर अग्रवाल द्वारा प्रथम अपीलीय अधिकारी/सचिव मथुरा वृन्दावन विकास प्राधिकरण को प्रथम अपील हेतु आवेदन किया गया, जिस पर कोई सुनवाई और कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस पर वादी ने 17 सितंबर 2021 को राज्य सूचना आयोग लखनऊ में सूचना का अधिनियम की धारा 19(3) के अंतर्गत द्वितीय अपील हेतु आवेदन किया गया।

राज्य सूचना आयोग ने मामले को किया नजरअंदाज
राज्य सूचना आयोग के कक्ष संख्या 6 में 21 सितंबर 2022 को हुई सुनवाई के दौरान राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती के समक्ष मथुरा वृन्दावन विकास प्राधिकरण के जनसूचना अधिकारी के प्रतिनिधि राज बिहारी द्वारा डैम्पियर नगर में व्यावसायिक निर्माणों के सम्बन्ध में ‘सूचना संकलित नही होने’ के साथ भ्रामक व गुमराह करने वाली जानकारी दी, जिस पर वादी बालकृष्ण अग्रवाल द्वारा आपत्ति जताते हुए अपना पक्ष रखा गया, लेकिन राज्य सूचना आयुक्त द्वारा वादी के कथन को अनसुना करते हुए वादी की द्वितीय अपील को नियम विरुद्ध तरीके से निस्तारित कर दिया गया। सूचना आयुक्त द्वारा वादी के पक्ष को नजरअंदाज करने पर अग्रवाल ने मुख्य सूचना आयुक्त लखनऊ को नियम 12 के तहत उपरोक्त द्वितीय अपील पर पुनः सुनवाई करने का आवेदन दिया और विधिक कार्यवाही की मांग करते हुए मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश कार्यालय और राज्यपाल उत्तर प्रदेश को भी पत्र लिखा।


सरकार और राज्य सूचना आयोग में कोई कार्रवाई न होने पर वादी अग्रवाल ने इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय प्रयागराज में याचिका दाखिल की। इसमें उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव के अलावा मुख्य सूचना आयुक्त लखनऊ, राज्य सूचना आयोग लखनऊ, उपाध्यक्ष मथुरा वृन्दावन विकास प्राधिकरण, जिलाधिकारी मथुरा और नरेन्द्र सिंह चौहान जनसूचना अधिकारी मथुरा वृन्दावन विकास प्राधिकरण को प्रतिवादी बनाया गया। उच्च न्यायालय के बेंच नम्बर 9 के न्यायाधीश जस्टिस प्रकाश पड़िया द्वारा 06 दिसंबर 2022 को सुनवाई की गई, जिसमें दो माह में शीघ्रता के साथ मुख्य सूचना आयुक्त को वादी के पुनः सुनवाई आवेदन पर निर्णय करने और वादी द्वारा मांगी गई डैम्पियर नगर से सम्बंधित समस्त सूचनाएं एवं जानकारियां उपलब्ध कराये जाने का आदेश दिया गया।

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