

पीठ की चेतावनी के बावजूद सदन में लहराई गई तख्तियां
LP Live, New Delhi: संसद हमले की बरसी के दिन सुरक्षा में चूक के मुद्दे को लेकर विपक्षी दलो के हंगामे के कारण संसद के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही बाधित हो रही है। वहीं संसद में पोस्टर लहराने और असंसदीय आचरण को लेकर पीठ भी सख्त है। सोमवार को संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के विपक्षी सांसदों पर कड़ी कार्रवाई की गई है। दरअसल, संसद में सुरक्षा चूक मामले पर विरोध कर रहे दोनों सदनों के 67 विपक्षी सांसदों को शेष सत्र से निलंबित कर दिया है। इनमें राज्यसभा के 34 सांसद और लोकसभा के 33 सांसद शामिल हैं। इससे पहले लोकसभा के 14 सांसदों पर निलंबन की कार्रवाई की जा चुकी है।
दरअसल 13 दिसंबर को संसद हमले की बरसी के दिन लोकसभा की दर्शक दीर्घा से दो युवक सदन में कूद गये और उन्होंने सदन में धुंआ निकलने वाली टयूब खोल दी। संसद की सुरक्षा में इसी चूक और इस मुद्दे पर गृहमंत्री के बयान की मांग को लेकर सोमवार को पीठ की चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए विपक्षी दलों के सांसदों ने तख्तियां लहराने और सदन की अवमानना के मामले में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, के. सुरेश एवं गौरव गोगोई, तृणमूल कांग्रेस सदस्य कल्याण बनर्जी, सौगत राय और प्रतिमा मंडल, द्रमुक सदस्य टी आर बालू, दयानिधि मारन और ए राजा, आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन सहित 30 सदस्यों को संसद सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। वहीं लोकसभा के तीन और सदस्यों के. जयकुमार, विजय वसंत और अब्दुल खालिक को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित किया गया है। सांसदो के निलंबन का प्रस्ताव संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पेश किया, जिसे सदन में ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई।
राज्यसभा में भी निलंबन कार्रवाई
संसद सत्र के दौरान सोमवार को राज्यसभा के भी 30 से अधिक सांसदों को निलंबित किया गया है। इनमें कांग्रेस सांसद जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल और रणदीप सिंह सुरजेवाला शामिल हैं। विपक्षी सदस्यों ने संसद की सुरक्षा में चूक के मद्दे पर राज्यसभा में सोमवार लगातार तीसरे दिन हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही चौथी बार चार बज कर 30 मिनट तक स्थगित कर दी गई। सभापति जगदीप धनखड़ ने तीन बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही शुरु करने का प्रयास किया तो विपक्ष के सदस्य अपनी अपनी सीटों के पास खड़े हो गए और जोर जोर से बोलने लगे।

हंगामे के बीच विधेयक पारित
लोकसभा में विपक्ष के शोर-शराबे के बीच भारतीय दूरसंचार विधेयक, 2023 पेश किया गया और डाकघर विधेयक, 2023 को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। सदन में विपक्ष के नारेबाजी के साथ किये गये हंगामे के कारण सोमवार सदन की कार्यवाही चार बार के स्थगन के बाद तीन बजे बाद पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
पीठ ने दी थी चेतावनी
सोमवार को सुबह 11 बजे लोकसभा की बैठक शुरू होने पर अध्यक्ष बिरला ने संसद की सुरक्षा में चूक संबंधी घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि उस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर सभी सदस्यों ने सामूहिक रूप से चिंता जताई थी और सदन में विभिन्न दलों के नेताओं के सुझाव के आधार पर उन्होंने कुछ सुरक्षा उपाय किए हैं और कुछ पर भविष्य में अमल किया जाएगा। उन्होंने सदन की अवमानना के मामले में पिछले सप्ताह विपक्ष के 13 सदस्यों को निलंबित किये जाने का जिक्र करते हुए कहा कि निलंबन का सुरक्षा में चूक की घटना से कोई संबंध नहीं है और इसका संबंध संसद की गरिमा एवं प्रतिष्ठा बनाये रखने से है। उन्होंने कहा कि किसी भी सदस्य को निलंबित किया जाता है तो मुझे व्यक्तिगत पीड़ा होती है। बिरला ने कहा कि नए संसद भवन में कामकाज शुरू करने से पहले सभी दलों के नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई थी कि सदन में तख्तियां लेकर प्रदर्शन नहीं किया जाएगा और सदन की गरिमा एवं मर्यादा को बनाकर रखा जाएगा। बिरला ने कहा कि तख्तियां लाना, नारेबाजी करना, आसन के समीप आना सदन की गरिमा के अनुकूल नहीं है।
क्या था मामला
संसद पर 2001 में किए गए आतंकी हमले की बरसी के दिन बुधवार को, सुरक्षा में चूक की बड़ी घटना उस वक्त सामने आई जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गए और ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया। घटना के तत्काल बाद दोनों को पकड़ लिया गया। बिरला ने कहा कि पहले भी सदन में नारेबाजी, पर्चियां फेंकने और सदन में कूदने की घटनाएं घट चुकी हैं और तब भी सदस्यों ने सामूहिकता से काम किया था एवं ऐसी घटनाओं के विरोध में एक स्वर में एक साथ मिलकर दृढ़संकल्प जताया था। उन्होंने कहा कि संसद की सुरक्षा संसदीय सचिवालय के तहत आती है और इसकी कार्ययोजना बनाने का काम संसद का है।
