सेना कमांडरों के सम्मेलन में सुरक्षा तंत्र की चुनौतियों पर चर्चा
रक्षामंत्री राजनाथ ने भारतीय सेना के वरिष्ठ नेतृत्व से की बातचीत
LP Live, New Delhi: एक शीर्ष स्तरीय द्विवार्षिक कार्यक्रम के अंतर्गत सेना कमांडरों के सम्मेलन में भारतीय सेना का शीर्ष नेतृत्व मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य और वर्तमान सुरक्षा तंत्र के लिए चुनौतियों के सभी पहलुओं पर व्यापक विचार-विमर्श कर रहा है। बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश की सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने की दिशा में भारतीय सेना का शीर्ष नेतृत्व से विस्तृत चर्चा की।
यहां नई दिल्ली में 7 से 11 नवंबर तक आयोजित सेना कमांडरों के सम्मेलन में संगठनात्मक पुनर्गठन, रसद, प्रशासन, मानव संसाधन प्रबंधन, स्वदेशीकरण के माध्यम से आधुनिकीकरण और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों को शामिल करने से संबंधित मुद्दों पर भी फोकस किया जा रहा है। सम्मेलन के तीसरे दिन का मुख्य आकर्षण रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह का भारतीय सेना के वरिष्ठ नेतृत्व के साथ बातचीत रहा, जिसका उद्देश्य भारतीय सेना की “भविष्य के लिए एक तैयार बल के रूप में परिवर्तन की आवश्यकता” योजनाओं की जानकारी प्रदान करना था।
सीमाओं की सुरक्षा में अहम भूमिका
रक्षा मंत्री ने देश के सबसे भरोसेमंद और प्रेरक संगठनों में से एक भारतीय सेना के प्रति अरबों नागरिकों के विश्वास को दोहराया। राजनाथ सिंह ने अपनी सीमाओं की रक्षा करने और आतंकवाद से लड़ने के अलावा नागरिक प्रशासन की आवश्यकतानुसार सहायता प्रदान करने में सेना द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला। रक्षा मंत्री ने उच्च स्तर की परिचालन तैयारियों और क्षमताओं के लिए रक्षा बलों की सराहना की, जिसका अनुभव उन्होंने हमेशा सीमावर्ती क्षेत्रों की अपनी यात्राओं के दौरान किया है।
स्वदेशीकरण में प्रगति
उन्होंने प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों सहित नागरिक उद्योगों के सहयोग से विशिष्ट प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए सेना के प्रयासों और ‘स्वदेशीकरण के माध्यम से आधुनिकीकरण’ या ‘आत्म-निर्भरता’ के उद्देश्य की दिशा में प्रगति की भी सराहना की। रक्षा मंत्री ने सुरक्षा और राष्ट्रीय संप्रभुता सुनिश्चित करने के लिए एक उच्च परिचालन तत्परता बनाए रखने के लिए भारतीय सेना की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें भारतीय सेना और उसके नेतृत्व और पूर्ण विश्वास और भरोसा है। उन्होंने कहा कि हमें किसी भी परिचालन आकस्मिकताओं के लिए तैयार रहना चाहिए और इसलिए परिचालन की तैयारी हमेशा अपने उच्च स्तर पर होनी चाहिए।