सपा सांसद शफीकुर रहमान बर्क का बीमारी के बाद निधन
मुरादाबाद के सिद्ध अस्पताल में ली अंतिम सांस


संभल से आगामी लोकसभा के लिए बनाए गये थे उम्मीदवार
LP Live, Sambhal: उत्तर प्रदेश के संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर रहमान बर्क का लंबी बीमारी के बाद मंगलवार को निधन हो गया। वह 94 वर्ष के थे। उन्हें बीमारी के कारण मुरादाबाद के एक सिद्ध अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके निधन पर राजनीतिक दिग्गज उन्हें याद कर श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
आगामी लोकसभा के चुनाव के लिए सपा प्रमुख द्वारा उम्मीदवारों की सूची में शामिल सपा के संभल लोकसभा सदस्य से शफीकुर रहमान बर्क का मुरादाबाद के एक अस्पताल में निधन हो गया। अस्पताल के चिकित्सकों के अनुसार सांसद शफीकुर रहमान बर्क को किडनी में इन्फेक्शन की समस्या थी। ऐसे में बीमारी की वजह से उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। इसी बीमारी के कारण उन्होंने अंतिम सांस ली। बर्क के निधन पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने गहरा दुख व्यक्त किया और शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। अखिलेश यादव) ने एक्स पर लिखा कि- समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता, कई बार के सांसद जनाब शफीकुर्रहमान बर्क साहब का इंतकाल, अत्यंत दु:खद। उनकी आत्मा को शांति दे भगवान। शोकाकुल परिजनों को यह असीम दु:ख सहने का संबल प्राप्त हो। भावभीनी श्रद्धांजलि!

पीएम मोदी ने सदन में की थी तारीफ
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शफीकुर रहमान बर्क के कायल थे, जिन्होंने संसद के विशेष सत्र में मौजूद शफीकुर रहमान बर्क की तारीफ करते हुए कहा था कि इतनी उम्र में भी सदन में उनकी उपस्थिति उनकी संसद के प्रति निष्ठा साबित करती है, जिसके पूरा सदन तालियों से गूंज उठा था। गौरतलब है कि मुस्लिमों के प्रति उनके मुद्दे हमेशा सुर्खियों में रहे हैं, इसी कट्टरवादिता में संसद में वे वंदेमातरम् गाने से साफ इंकार करते रहे हैं। इसलिए वे अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते थे और सदन के अंदर और बाहर मुस्लिमों के मुद्दों पर अपनी मुद्दों पर अपनी खुलकर राय रखते थे। उनके ऊपर तालिबान का समर्थन करने पर मुकदमा भी दर्ज हुआ था।
पांच बार सांसद व चार बार विधायक रहे बर्क
शफीकुर्रहमान बर्क 5 बार लोकसभा सांसद रहे। उन्होंने सपा के टिकट पर मुरादाबाद लोकसभा सीट से 1996, 1998 और 2004 में जीत हासिल की थी। इसके बाद वे 2009 में बसपा के टिकट पर संभल से लोकसभा चुनाव जीते। हालांकि 2014 में उन्हें संभल सीट से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन 2019 में उन्होंने संभल से सपा के टिकट पर जीत हासिल की थी। इससे पहले बर्क 1999 में मुरादाबाद सीट से अपना चुनाव हार गए थे। इससे पहले बर्क संभल से 4 बार विधायक भी रहे. वे 1974, 1977, 1985 और 1991 में विधायक चुने गए. बर्क एक बार यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं। बर्क के पोते 2022 विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट मुरादाबाद की कुंदरकी सीट से चुनाव जीते हैं। बर्क ने अपनी राजनीति की शुरुआत चौधरी चरण के साथ की थी। वे मुस्लिमों के मुद्दों पर अपनी बात बेबाकी से रखने के लिए जाने जाते थे।
