संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को मिलेगा 33 प्रतिशत आरक्षण
LP Live, New Delhi: संसद के विशेष सत्र में आज का दिन ऐतिहासिक बन गया है, जब संसद के दोनों सदनों से महिला आरक्षण संबन्धी विधेयक नारी शक्ति वंदन अधिनियम विधेयक, 2023 को गुरुवार देर रात 11.29 बजे लंबी चर्चा के बाद राज्यसभा ने भी मत विभाजन की प्रकिया के बावजूद सर्वसम्मिति से मंजूरी मिल गई, जिसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा की कार्यवाही को अनिश्चत काल के लिए स्थगित करने की घोषणा की। लोकसभा में इस विधेयक को कल ही पास कर दिया गया था।
संसद के विशेष सत्र में लोकसभा में पारित होने के बाद महिला आरक्षण विधेयक (128 संविधान संशोधन) पेश किया। नारी शक्ति वंदन अधिनियम के रुप में पेश हुए इस विधेयक पर गुरुवार को लंबी चर्चा हुई, जिसमें 72 सदस्यों ने हिस्सा लिया। चर्चा के बाद देर रात करीब दस बजे इस विधेयक पर हुए मतदान में बिल के पक्ष में सभी २१५ वोट पड़े, जबकि विरोध मे डेक भी मत नहीं मिला। इस प्रकार राज्यसभा में भी महिला आरक्षण बिल को पास कर दिया गया। इस विधेयक के पारित कराने की प्रक्रिया शुरु होने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी उच्च सदन में आ गये, जिन्होंने इस विधेयक के समर्थन के लिए सभी सदस्यों का अभिनंदन और आभार जताया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक किसी एक दल का नहीं, बल्कि महिलाओं के प्रति सम्मान और उन्हें वंदन करने वाला है। लोकसभा ने महिला आरक्षण विधेयक को 8 घंटे की जोरदार बहस के बाद 454 सदस्यों के पक्ष में और 2 सदस्यों ने विपक्ष में वोट देकर पारित हुआ था। इस प्रकार पिछले ढ़ाई दशक से ज्यादा समय से लंबित महिला आरक्षण बिल को संसद की मंजूरी मिलने से अब देश की आधी आबादी यानी महिलाओं को संसद के दोनों सदनों और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत प्रतिनिधित्व मिल सकेगा।
हालांकि यह आरक्षण देश में सीटों के परिसीमन और जनगणना पूरी होने के बाद चुनाव आयोग तय करेगा। राज्य सभा में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, प्रतिपक्ष नेता मल्लिकार्जुन खरगे, जेपी नड्डा समेत विभिन्न दलों के 72 सदस्यों ने चर्चा में हिस्सा लिया। इसके बाद चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस बिल को ज्यादातर दलों द्वारा समर्थन पर आभार जताया और कहा कि यह विधेयक देश की महिलाओं के सशक्तिकरण को और मजबूत करेगा।
मेघवाल ने कहा कि बिल के माध्यम से लोकसभा और देश की सभी विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें नारी शक्ति के लिए आरक्षित की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से एससी एसटी वर्ग की महिलाओं को भी आरक्षण दिया जाएगा, इसलिए जनगणना और डीलिमिटेशन आवश्यक है। संविधान के आर्टिकल 82 में पहले से ही प्रावधान है डीलिमिटेशन की व्यवस्था दी गई है।