

एनपीए का मुद्दे पर केंद्रीय वित्तमंत्री ने दिया जवाब
LP Live, New Delhi: संसद के बजट सत्र में लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी बैंकिंग कानून में संशोधन विधेयक पारित हो गया है। इस संशोधन विधेयक की मंजूरी के बाद कर्ज न चुकाने में असमर्थ कर्जदारों को माफी मिल सकेगी। विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार के बिल में संशोधन से कर्ज माफी से एनपीए का बोझ बढ़ाने के लिए सरकार ने यह संशोधन किया है।

उच्च सदन में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2024 पर चर्चा के बाद विधेयक को मंजूरी दे दी गई है। इस प्रकार संसद ने बैंकिंग कानून में संशोधन विधेयक को दी मंजूरी मिल गई है। विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में कहा कि जानबूझकर बैंक ऋण न चुकाने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही है और सरकार चुप नहीं बैठी है। इससे पहले चर्चा भाग लेते हुए कांग्रेस के शक्तिसिंह गोहिल ने आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि सरकार ने 2024 तक 50 विलफुल डिफाल्टर्स का 87,000 करोड़ रुपये का बकाया माफ कर दिया है। वहीं विपक्ष ने सरकार पर जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों के कर्ज माफ करने और बैंकों पर एनपीए का बोझ डालने का आरोप लगाया है।
