बजट का दूसरा चरण में विपक्ष के हंगामे से हुआ ज्यादातर समय बर्बाद
LP Live, New Delhi: संसद के बजट सत्र के आखिरी दिन भी दोनों सदनों में अडाणी मामले की जेपीसी जाचं की मांग को लेकर विपक्ष का हंगामा हुआ। संसद के बजट सत्र खासतौर से दूसरे चरण में पहले दिन से अंतिम दिन तक विपक्ष के हंगामे के बाद दोनों सदनों की कार्यवाही को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। बजट सत्र के दौरान लोकसभा की कार्यवाही महज 45 घंटे 55 मिनट चल सकी।
बजट सत्र के दूसरे चरण के आखिरी दिन गुरुवार को लोक सभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दल के सदस्यों का हर दिन की तरह अडानी मामले पर जांच के लिए जेपीसी गठन की मांग को लेकर जोरदार हंगामा शुरू हो गया। इस हंगामे के कारण लोकसभा में बजट सत्र के दौरान सिर्फ 45 घंटे 55 मिनट ही कामकाज हो सका और अधिकांश कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गई। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि कि सदन में वह हर विषय पर चर्चा और संवाद के लिए तैयार हैं, देर रात तक सदन चलाया गया है और उन्हें बोलने का पर्याप्त समय भी दिया गया। लेकिन सदन की गरिमा को गिराया जा रहा है, जो कतई उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही को नियोजित तरीके से बाधित करना उचित नहीं है। राज्यसभा में भी विभिन्न मुद्दों को लेकर हंगामा जारी रहा, जिस कारण से सदन की कार्यवाही शुरू होने के महज सात मिनट बाद ही दोपहर दो बजे और फिर अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। हंगामे की वजह से उच्च सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो सके।
लोकसभा में आधा दर्जन विधेयक पारित
लोकसभा की कार्यवाही को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने से पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बजट सत्र के दौरान हुए कामकाज और हंगामे की जानकारी देते हुए सदन में कहा कि सत्रहवीं लोक सभा के ग्यारहवें सत्र (बजट सत्र) के दौरान सदन की 25 बैठकें हुईं, जो लगभग 45 घंटे 55 मिनट तक चलीं। उन्होंने कहा कि यह सत्र 31 जनवरी 2023 को आरंभ हुआ था। 31 जनवरी को राष्ट्रपति ने दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अभिभाषण दिया था। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर सदन में 13 घंटे 44 मिनट तक चर्चा हुई और और इसमें 143 सांसदों ने हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री के जवाब के साथ इस चर्चा का समापन हुआ और लोक सभा ने धन्यवाद प्रस्ताव को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि एक फरवरी को वित्त मंत्री ने सदन में केंद्रीय बजट 2023-24 पेश किया, जिस पर सदन में 14 घंटे 45 मिनट तक सामान्य चर्चा चली। इस वाद-विवाद में 145 सांसदों ने भाग लिया और वित्त मंत्री ने चर्चा का उत्तर दिया।उन्होंने बताया कि इस सत्र के दौरान, 8 सरकारी विधेयक पुर:स्थापित किए गए तथा 6 विधेयक पारित किए गए। सत्र के दौरान 29 तारांकित प्रश्नों का उत्तर दिया गया। प्रश्न काल के बाद सदस्यों द्वारा अविलंबनीय लोक महत्व के कुल 133 मामले उठाए गए तथा नियम 377 के अधीन कुल 436 मामले लिए गए। लोक सभा की विभागों से संबद्ध स्थायी समितियों ने 62 प्रतिवेदन प्रस्तुत किए। सत्र में निदेश 73अ के अधीन 14 और संसदीय कार्य मंत्री द्वारा संसदीय कामकाज के संबंध में दिये गये तीन वक्तव्यों सहित 23 वक्तव्य दिए गए। सत्र के दौरान 2799 पत्र सभा पटल पर रखे गए। केंद्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों की वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अनुदानों की मांगों को लोक सभा द्वारा 23 मार्च को स्वीकृत किया गया तथा संबंधित विनियोग विधेयक को पारित किया गया। उसके उपरांत सभा द्वारा वित्त विधेयक को भी पारित किया गया। उन्होंने सत्र के संचालन में सहयोग करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, संसदीय कार्य मंत्री, विभिन्न दलों के नेताओं, सांसदों, सभापति तालिका में शामिल सांसदों का आभार भी व्यक्त किया।
राज्यसभा में 103.30 घंटे का समय बर्बाद
उच्च सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन में बताया कि बजट सत्र के पहले चरण की कार्य उत्पादकता 56.3 प्रतिशत रही, जबकि दूसरे चरण में यह बहुत ही कम 6.4 प्रतिशत रह गई। इस प्रकार पूरे बजट सत्र में कामकाज की उत्पादकता 24.4 प्रतिशत रही और हंगामे से व्यवधानों के कारण सभा के 103.30 घंटे का समय बर्बाद हुआ। उन्होंने सदस्यों को नसीहत देते हुए कहा कि संसद में सर्वोपरि वाद-विवाद, संवाद, विचार-विमर्श और चर्चा का स्थान व्यवधान और अशांति ने ले लिया है। संसद के कामकाज को बाधित करके राजनीति को हथियार बनाने के परिणाम हमारी राजव्यवस्था के लिए गंभीर हो सकते हैं। जनता को यह बात बिल्कुल पसंद नहीं आ रही है। जनता की नजरों में हम सब उपेक्षा और उपहास के पात्र बन रहे हैं। जनता की उच्च अपेक्षाओं के संबंध में हमें अपने कार्य-निष्पादन पर मंथन करने की आवश्यकता है।
पीएम मोदी की लोकसभा अध्यक्ष से की मुलाकात
लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकालीन स्थगित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने वरिष्ठ मंत्रियों के साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान कई विपक्षी नेता भी मौजूद रहे। बजट सत्र के आखिरी दिन लोक सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो जाने के बाद परंपरा के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के अलावा नेशनल कांफ्रेंस से फारूख अबदुल्ला और एनसीपी से सुप्रिया सुले सहित कई अन्य दलों के नेता भी मौजूद रहे।
विपक्ष का संसद से विजय चौक तक तिरंगा मार्च
कांग्रेस और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में अडाणी-हिंडनबर्ग मामले और राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द किए जाने को लेकर बजट सत्र के आखिरी दिन विपक्षी दलों ने संसद भवन से विजय चौक तक तिरंगे झंडे के साथ मार्च निकाला। इस मार्च का नेतृत्व राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने किया। मार्च में अन्य सांसदों के साथ यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी हिस्सा लिया।