विश्व पुस्तक मेले में पुस्तकों का लोकार्पण
सावरकर का हिन्दुत्व पवित्र था: मोदक
LP Live, New Delhi: यहां प्रगति मैदान में चल रहे विश्व पुस्तक मेले में लेखकों की पुस्तकों का विमोचन व लोकार्पण का सिलसिला जारी है। वहीं मेले में पुस्तक प्रमियों का तांता भी लगातार बढ़ रहा है। इसी मेले में किताब वाले प्रकाशन समूह के स्टाल पर बुधवार को डा. उमेश अशोक कदम द्वारा सम्पादित पुस्तक ‘ डिस्मेंटलिंग कास्टिज्म लेशन फ्रॉम सावरकर एसेंसियल ऑफ हिन्दुत्व’ का विमोचन करते हुए गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर के कुलाधिपति डॉ अशोक मोदक ने कहा कि वीर सावरकर का हिन्दुत्व पवित्र और व्यक्तित्व विराट था।
समारोह में बतौर मुख्य अतिथि मोदक ने कहा कि सावरकर का हिन्दुत्व सीमित, जातीयता और धर्म पर आधारित नहीं था। उनका कहना था कि यदि भारत का सिक्ख, ईसाई और मुसलमान भारत को पितृभूमि स्वीकार करें तो वह उसको गले लगाने को तैयार हैं। लेकिन तथाकथित इतिहासकारों और कुछ नासमझ लोगों ने आजादी के वीर योद्धा को खलनायक बनाने की पुरजोर कोशिश की। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि खिलाफत आन्दोलन के बाद हिन्दुत्व को लेकर गलत धारणा बनाई गई। इस मौके पर प्रकाशन समूह के प्रबंध निदेशक प्रशान्त जैन के अलावा लेखक राकेश मंजुल, प्रो डॉ नरेन्द्र शुक्ल गण्यमान्य लोग मौजूद थे।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति का आधार है भारतीयता: कोठारी
शिक्षाविद् और शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव डॉ अतुल कोठारी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारतीयता का पुनरूत्थान करने वाली नीति है। भारतीय ज्ञान परम्परा ने दुनिया को दिशा दी है। भारतीय ज्ञान परम्परा को अपनाकर ही अपना देश विश्व गुरु बना था। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 उसी दिशा में बढ़ाया गया एक कदम है। इसमें छात्रों के समग्र विकास की परिकल्पना की गई है। आज दुनिया भर के देश चरित्र संकट से जूझ रहे हैं। हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति चरित्र निर्माण को बढ़ावा देने में मल्टीविटामिन का काम करेगी। समारोह की अध्यक्षता करते हुए महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति आचार्य नरेश चन्द्र गौतम ने इस पुस्तक के प्रकाशक की सराहना की। पुस्तक के सम्पादक प्रो. अनिल कुमार राय ने कहा कि समाज के विकास में शिक्षा का अहम योगदान होता है।