LP Live, New Delhi: देश में शिक्षा के क्षेत्र में जैसे जैसे तेजी से सुधार हुआ है वैसे ही खासतौर से प्रबंधन यानी मैनेजमेंट की शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में भी तेजी से कमी आई है। मसलन भारतीय छात्र अब विदेश जाने के बजाए अपने ही देश में विस्तारित होते संस्थानों में बिजनेस मैनेजमेंट की शिक्षा ग्रहण में खासी रुचि ले रहे हैं।
यह बात भारत में जीमैट परीक्षा कंडक्ट करने वाले संगठन ‘ग्रेजुएट मैनेजमेंट एडमिशन काउंसिल’ के ‘प्रोस्पेक्टिव स्टूडेंट सर्वे’ की एक रिपोर्ट में सामने आई है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार 2022 में जहां 41 प्रतिशत भारतीय छात्र भारत से ही मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रहे थे, तो वहीं साल 2023 में ऐसे छात्रों की संख्या बढ़कर 53 फीसदी दर्ज की गई है। मसलन अब भारत के अधिकांश छात्र विदेश जाने की बजाए भारत में ही मैनेजमेंट की शिक्षा लेकर हुनरबंद हो रहे हैं। इससे पहले बिजनेस मैनेजमेंट के लिए भारत समेत दुनिया के ज्यादातर देशों के लिए अमेरिका के संस्थान पसंद किये जाते रहे हैं। सर्वे में यह भी तथ्य सामने आये हैं कि भारतीय संस्थानों में अन्य देशों के छात्र भी बिजनेस मैनेजमेंट की शिक्षा लेने के लिए आने लगे हैं।
महिलाओं में भी बढ़ी रुचि
इस सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक स्तर पर जहां 31 फीसदी पुरुषों ने एमबीए करने का कारण सीईओ बनने का लक्ष्य बताया, वहीं ऐसा बताने वालों में महिलाओं की संख्या 25 फीसदी थी। साथ ही महिलाएं एंट्री लेवल की नौकरी लेने में महिलाओं से ज्यादा उत्सुक दिखे। सर्वे में कहा गया है कि भारत में ही मैनेजमेंट का अध्ययन करने का प्रमुख कारण कम खर्च और भारत के शिक्षा संस्थानों की छवि है। गौरतलब है कि मैनेजमेंट के छात्रों की संख्या भारत के बाद और चीन में अधिक है।