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लोकसभा में पारित हुए आयकर व कराधान कानून विधेयक

विपक्ष के हंगामे के बीच बिना चर्चा के सदन में लगी मुहर

LP Live, New Delhi: मोदी सरकार द्वारा छह दशक पुराने आयकर अधिनियम, 1961 की जगह लेने के लिए 13 फरवरी को नए विधेयक पेश किये थे। प्रवर समिति द्वारा इन विधेयकों की जांच में सिफारिशों के बाद सरकार ने वापस ले लिया था। सोमवार को समिति की सिफारिश पर संशोधन के साथ लोकसभा में दोबारा पेश किये गये इन विधेयकों का भी विपक्ष ने जमकर विरोध किया। सदन में विपक्ष के हंगामे के बीच दोनों विधेयकों को बिना चर्चा के पारित कर दिया गया।

लोकसभा में सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कराधान से संबंधित दो विधेयकों आयकर (संख्या 2) विधेयक और कराधान कानून (संशोधन) विधेयक को पेश किया। इसी दौरान बिहार में मतदाता सूची में संशोधन को लेकर विपक्ष के जोरदार विरोध करते हुए सदन में हंगामा शुरु कर दिया। सदन में हंगामे के कारण इन विधेयकों पर चर्चा नहीं हो सकीी और लोकसभा ने आयकर (संख्या 2) विधेयक 2025 और आयकर अधिनियम 1961 से संबंधित कानूनों को समेकित और संशोधित करने के लिए पारित कर दिया। वहीं कराधान कानून (संशोधन) विधेयक 2025 के साथ आयकर अधिनियम 1961 के साथ साथ वित्त अधिनियम 2025 में संशोधन करेगा। सदन में बिना किसी बहस के इन विधेयकों को ध्वनिमत से पारित होते ही लोकसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।

एक अप्रैल 2025 से लागू किया था कानून
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, 2025 को लेकर कहा कि इसका उद्देश्य एकीकृत पेंशन योजना के अंशधारकों को कर छूट देना है। आयकर तलाशी मामलों के संबंध में ब्लॉक मूल्यांकन योजना में परिवर्तन करने और सऊदी अरब के सार्वजनिक निवेश कोषों को कुछ प्रत्यक्ष कर लाभ प्रदान करने का प्रावधान भी शामिल है। वहीं कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, 2025 के जरिए आयकर अधिनियम, 1961 में और वित्त अधिनियम, 2025 में संशोधन करने की कोशिशों के तहत है। सरकार ने जुलाई में बताया था कि नई पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत उपलब्ध सभी कर लाभ एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) पर भी लागू होंगे। इसे 1 अप्रैल, 2025 से लागू किया गया था।

नए बिल में प्रवर समिति की सिफारिशे शामिल
वित्त मंत्री सीतारमण ने इन विधेयको को पेश करते हुए कहा प्रवर समिति से सुझाव मिले हैं, जिन्हें बिल को सही मायने में विधायी अर्थ देने के लिए उसमें शामिल करना आवश्यक है। बिल के ड्राफ्ट की प्रकृति, वाक्यांशों के एलाइनमेंट, परिवर्तनकारी बदलावों और परस्पर संदर्भों में सुधार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि भ्रम से बचने के लिए पहले के विधेयक को वापस ले लिया गया था। उन्होंने बताया कि नया मसौदा 1961 के अधिनियम को बदलने के आधार के रूप में काम करेगा।

अखिलेश ने उठाए सवाल
लोकसभा में बिना चर्चा के पारित किया गया नया आयकर विधेयक 2025 को लेकर सपा सांसद अखिलेश यादव सवाल खड़े करते हुए कहा कि यह भाजपा सरकार के काम करने का तरीका सही नहीं कि सदन में बिना किसी चर्चा के इतना बड़ा फैसला ले लिया गया हो। सरकार पर सवाल उठाते हुए सरकार की विदेश नीति और टैरिफ पर टैरिफ को लेकर कहा कि हमारा पूरा कारोबार चीन पर निर्भर है, तो वे किस तरह का संशोधन कर रहे हैं?

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