लोकसभा में पारित हुआ हिमाचल जनजातीय विधेयक
प्रदेश में हाटी समुदाय को एससी में शामिल करने का प्रावधान
LP Live, New Delhi: संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा में हिमाचल प्रदेश के हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने के प्रावधान वाले ‘संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक को मंजूरी दे दी गई।
लोकसभा में केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा द्वारा हिमाचल प्रदेश के हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल करने का प्रावधान वाले ‘संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक-2022 पर नीचले सदन में चर्चा की गई। चर्चा के बाद इस विधेयक में संविधान संशोधन को मंजूरी दे दी गई। इससे पहले चर्चा का जवाब देते हुए जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि यह विधेयक हिमाचल प्रदेश के उन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए लाया गया है, जो वर्षों से सुदूर, दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में अपनी सांस्कृतिक परंपराओं के साथ रहते आये हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड से लगे हिमाचल के सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले वर्षों से उपेक्षित लोगों के लिए यह विधेयक न्याय देने वाला है। कई अन्य प्रदेशों में विभिन्न जनजातीयों को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने की कई सदस्यों की मांग पर उन्होंने कहा कि मंत्रालय सभी समुदायों के संबंध में कार्रवाई करता है और लगातार काम कर रहा है। मंत्री के जवाब के बाद सदन ने ध्वनि मत से ‘संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक को पारित कर दिया।
चर्चा में कई दलों ने लिया हिस्सा
इससे पहले लोकसभा में विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस सहित कई दलों के सदस्यों ने अपने-अपने प्रदेशों में कुछ समुदायों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिये जाने की मांग की। भाजपा के रामकृपाल यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद आदिवासी समुदाय के लोगों के कल्याण के लिए कई कदम उठाये गये हैं। कांग्रेस के अब्दुल खालिक ने कहा कि अलग-अलग राज्यों के लिए अलग विधेयक लाये जाते हैं, जबकि सभी मांगों को मिलाकर एक विधेयक लाना चाहिए। खालिक ने कहा कि जनजातीय लोगों का जीवन स्तर सुधारने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने की जरूरत है। नेशनल कॉन्फ्रेस के हसनैन मसूदी ने कहा कि कुछ समुदायों को एसटी की सूची में डालना उचित है, लेकिन इन समुदायों के जीवन स्तर में सुधार के लिए जरूरी कदम उठाये जाने चाहिए। तेलंगाना राष्ट्र समिति के बीबी पाटिल ने कहा कि ऐसे समुदायों को केवल अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के साथ उन्हें आर्थिक लाभ देने पर बल दिया।