लोकसभा में आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक पेश
सदन में सत्ता व विपक्ष के बीच हुई तीखी झड़पें
LP Live, New Delhi: केरल के वायनाड में भूस्खल के कारण मची तबाही के बाद केंद्र के गृहमंत्री अमिति शाह ने संसद में किये गये ऐलान के बाद गुरुवार को लोकसभा में आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक 2024 में पेश कर दिया गया।
लोकसभा में गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक-2024 को पेश करते समय विपक्ष ने इसका जमकर विरोध किया। मसलन केंद्र सरकार के अधिकार और इस विधेयक की संवैधानिकता को लेकर सत्ता और विपक्ष के बीच जमकर तीखी बहस हुई। कांग्रेस ने विरोध में कहा कि यह संविधान के मुताबिक सही नहीं है और यह विधेयक राज्य सरकार के अधिकार में हस्तक्षेप करता है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी का तर्क था कि प्राकृतिक आपदा आने पर सबसे पहले स्थानीय प्रशासन ही मदद के लिए आता है। इसी प्रकार तृणमूल सांसद सौगत राय ने भी इस विधेयक को पेश करने का विरोध करते हुए कहा कि इसके कारण प्राकृतिक आपदा के समय राहत एवं बचाव कार्य भी प्रभावित हो सकते हैं। यह विधेयक आपदा प्रबंधन विधेयक-2005 में अहम बदलाव करेगा।
सरकार का तर्क
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने विपक्ष के विरोध को एक सिरे से खारिज करते हुए तर्क दिया कि 2005 का आपदा प्रबंधन विधेयक 19 वर्षो से संवैधानिकता की कसौटी पर खरा उतरा है। आपदा का प्रबंधन राज्य का उत्तरदायित्व होता है और इसमें कहीं भी कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया है। राय ने कहा कि आपदा का प्रबंधन और ज्यादा ठीक तरीके से हो, इसी उद्देश्य के लिए यह संशोधन विधेयक लाया गया है। जब इस विधेयक पर सदन में चर्चा होगी तो सरकार की तरफ से सभी शंकाओं का समाधान किया जाएगा, सभी सवालों का जवाब दिया जाएगा और विपक्ष की तरफ से आने वाले उचित सुझावों पर विचार भी किया जाएगा। गौरतलब है कि बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केरल के वायनाड में हुई भूस्खलन की घटना के मद्देनजर लोकसभा में नियम-197 के अंतर्गत हुई चर्चा का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि भारत सरकार ने राहत और बचाव के लिए हरसंभव प्रयास किए हैं और बचाव प्रक्रिया से जुड़ा हर विभाग उस क्षेत्र में मौजूद है।