राज्यपाल को समन भेजने वाले बदांयू एसडीएम पर गिरी गाज
जांच रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम व पेशकार हुए निलंबित
यूपी शासन ने जिलाधिाकरी से मांगी थी जांच रिपोर्ट
LP Live, Lucknow: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल को बदायूं के उप जलाधिकारी/एसडीएम द्वारा एक जमीन विवाद के एक मामले में समन जारी कोर्ट में पेश होने का आदेश देना भारी पड़ा। इस मामले में संविधान के अनुच्छेद 361 का उल्लंघन करने पर एसडीएम बदायूं के एसडीएम विनीत कुमार और उसके पेशकार बदन सिंह को निलंबित कर दिया गया है।
दरअसल बदायूं सदर तहसील में लंबित जमीन विवाद के एक मामले में 10 अक्तूबर को एसडीएम ने राज्यपाल के नाम समन जारी करते हुए उन्हें 18 अक्टूबर को एसडीएम कोर्ट में पेश होकर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया था। अपनी तरह का अनोखा मामले के जब एसडीएम बदायूं का राजस्व संहिता की धारा 144 के तहत यह समन जैसे ही राजभवन पहुंचा यह समन लखनऊ स्थित राजभवन पहुंचा तो हड़कंप मचा और राज्यपाल सचिवालय में राज्यपाल के विशेष सचिव ब्रदीनाथ सिंह ने बदायूं के डीएम मनोज कुमार को पत्र लिखकर इस पर आपत्ति जताते हुए इसकी जांच और एसडीएी के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश भी जारी किये गये थे और कहा गया था कि राज्यपाल को भेजा गया समन संविधान के अनुच्छेद 361 का उल्लंघन है। राज्यपाल से जुड़े इस मामले का राज्य सरकार ने भी संज्ञान लिया और प्रकरण में बदायूं के जिलाधिकारी से पूरे मामले की जांच करके रिपोर्ट पेश करने को कहा गया। डीएम की इस रिपोर्ट में एसडीएम विनीत कुमार ने पेशकार की लापरवाही बताई गई थी, लेकिन यूपी सरकार ने जिलाधिकारी की रिपोर्ट के बाद एसडीएम और पेशकार दोनों को निलंबित कर दिया।
क्या था मामला
सूत्रों के अनुसार बदायूं में सिविल लाइन थाना क्षेत्र के गांव लोड़ा बहेड़ी निवासी चंद्रहास ने सदर तहसील के एसडीएम न्यायिक कोर्ट में एक वाद दायर किया था। इसमें लेखराज, पीडब्ल्यूडी के अधिकारी और राज्यपाल को पक्षकार बनाया गया था। चंद्रहास का आरोप था कि उसकी चाची कटोरी देवी की जमीन कुछ रिश्तेदारों ने अपने नाम करा ली है। रिश्तेादारों ने इस जमीन को लेखराज नामक व्यक्ति को बेच दिया। कुछ दिनों बाद इस जमीन के कुछ हिस्सें को सरकार की तरफ अधिग्रहण किया गया। अधिग्रहण के बाद लेखराज को 12 लाख रुपये मिले थे। इस याचिका की सुनवाई के दौरान एसडीएम न्यायिक कोर्ट से लेखराज और राज्यपाल को कोर्ट में हाजिर होकर पक्ष रखने के लिए समन जारी किया गया।