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राज्यपाल को समन भेजकर कोर्ट में पेश होने का किसने दिया फरमान!

बदायूं के एसडीएम की हिमाकत, कड़ी कार्रवाई के आदेश

संवैधानिक पद राज्यपाल को समन भेजना अनुच्छेद 361 का उल्लंघन
LP Live, Lucknow: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल को बदायूं के उप जलाधिकारी/एसडीएम ने जमीन विवाद के एक मामले में समन जारी किया गया और उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए कोर्ट में पेश होने का आदेश भी दिया गया। एसडीएम के जारी समन के राज्यपाल सचिवालय पहुंचते ही हड़कंप मच गया। राज्यपाल सचिवालय ने इस पर आपत्ति दर्ज करते हुए बदायूं के जिलाधिकारी को एक पत्र के जरिए समन भेजकर संविधान के अनुच्छेद 361 का उल्लंघन करने पर एसडीएम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिये गये हैं।

राज्यपाल के नाम बदायूं एसडीएम के जारी समन का खुलासा हाने पर यह खबर सुर्खियों में आई। दरअसल बदायूं सदर तहसील में लंबित जमीन विवाद के एक मामले में एसडीएम एसपी वर्मा ने राज्यपाल के नाम समन जारी करते हुए उन्हें 18 अक्टूबर को एसडीएम कोर्ट में पेश होकर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया था। अपनी तरह का अनोखा मामले के जब एसडीएम बदायूं का राजस्व संहिता की धारा 144 के तहत यह समन जैसे ही राजभवन पहुंचा यह समन लखनऊ स्थित राजभवन पहुंचा तो हड़कंप मचना स्वाभाविक था। इस पर राज्यपाल सचिवालय ने बदायूं के डीएम को पत्र लिखकर इस पर आपत्ति जताई। वहीं एसडीएम को चेतावनी देते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश भी जारी किये गये। राज्यपाल के विशेष सचिव ब्रदीनाथ सिंह ने बदायूं के डीएम को पत्र लिखकर आपत्ति जताते हुए डीएम को भेजे पत्र में कहा है कि राज्यपाल को यह समन संविधान के अनुच्छेद 361 का उल्लंघन है। विशेष सचिव ने डीएम से कहा कि वह एसडीएम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और भविष्य में इस प्रकार की गलती की पुनरावृत्ति न हो।

क्या है मामला
सूत्रों के अनुसार बदायूं में सिविल लाइन थाना क्षेत्र के गांव लोड़ा बहेड़ी निवासी चंद्रहास ने सदर तहसील के एसडीएम न्यायिक कोर्ट में एक वाद दायर किया था। इसमें लेखराज, पीडब्ल्यूडी के अधिकारी और राज्यपाल को पक्षकार बनाया गया था। चंद्रहास का आरोप था कि उसकी चाची कटोरी देवी की जमीन कुछ रिश्तेदारों ने अपने नाम करा ली है। रिश्तेादारों ने इस जमीन को लेखराज नामक व्यक्ति को बेच दिया। कुछ दिनों बाद इस जमीन के कुछ हिस्सें को सरकार की तरफ अधिग्रहण किया गया। अधिग्रहण के बाद लेखराज को 12 लाख रुपये मिले थे। इस याचिका की सुनवाई के दौरान एसडीएम न्यायिक कोर्ट से लेखराज और राज्यपाल को कोर्ट में हाजिर होकर पक्ष रखने के लिए समन जारी किया गया।

 

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