

उत्पादों की नियमित जांच के लिए गठित होंगी टीमें
LP Live, Lucknow: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खाद्य पदार्थों और दवाओं में मिलावट करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया है कि ऐसे मिलावटखोरी के अपराधों में शामिल लोगों के सख्त कार्रवाई की जाए और उनकी तस्वीरे शहरों के चौराहों पर लगाई जाए।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को यह भी निर्देश जारी करते हुए कहा कि यह जनस्वास्थ्य से जुड़ा विषय है और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बिलकुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसलिए इस तरह के अपराधों में लिप्त लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जो लोग नकली दवाओं और मिलावटी खाद्य सामग्री के कारोबार में लिप्त हैं, उन्हें सार्वजनिक रूप से चिन्हित किया जाए और उनकी तस्वीरें शहर के प्रमुख चौराहों पर लगाई जाएं, ताकि आम जनता उन्हें पहचान सके और समाज में उनके प्रति नकारात्मक संदेश जाए।

उत्पादों की जांच करने के निर्देश
उन्होंने बैठक में निर्देश दिये गये दूध, पनीर, तेल, घी और मसालों जैसी चीज़ों की जांच उत्पादन स्थल (फैक्ट्री) पर ही की जाए और दुग्ध उत्पादों की जांच के लिए विशेष टीम बनाई जाए जो नियमित निगरानी रखे। वहीं पेशेवर रक्तदाताओं (बार-बार पैसे लेकर रक्त देने वाले लोग) की पहचान की जाए और इस पर भी रोक लगाई जाए। मुख्यमंत्री योगी ने यह भी कहा कि नकली दवाओं के कारोबार पर रोक लगाने के लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन और पुलिस के बीच बेहतर तालमेल बनाकर कार्रवाई करने पर बल दिया। इस तरह की कार्यवाहियों की प्रभावशीलता और गुणवत्ता पर खास ध्यान दिया जाए।
राज्य में खुलीं नई प्रयोगशालाएं
मुख्यमंत्री को बताया गया कि पहले सिर्फ 6 मंडलों में खाद्य और दवा जांच प्रयोगशालाएं थीं, अब 13 और मंडलों (जैसे कानपुर, मिर्जापुर, अयोध्या, बरेली आदि) में भी प्रयोगशालाएं खोली गई हैं। लखनऊ, गोरखपुर और झांसी की पुरानी लैब को और आधुनिक बनाया गया है। लखनऊ, मेरठ और वाराणसी में माइक्रोबायोलॉजी लैब्स खोली गई हैं, जो वायरस, बैक्टीरिया और दूसरे रोग पैदा करने वाले तत्वों की जांच कर सकती हैं। मुख्यमंत्री ने इन सभी प्रयोगशालाओं के रख-रखाव और संचालन के लिए ‘कॉर्पस फंड’ (एक स्थायी फंड) बनाने का सुझाव दिया।
