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योगी ने किया 1,359 आंगनबाड़ी केन्द्रों का लोकार्पण एवं शिलान्यास

प्रदेश में 171 बाल विकास परियोजना कार्यालयों की रखी नीवं

प्रदेश में 19 लाख आंगनबाड़ी केन्द्रों को किया जा रहा है मजबूत
LP Live, Lucknow: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत प्रदेश में 155 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जा रहे 1,359 आंगनबाड़ी केन्द्रों में से 150 केंद्रों का लोकार्पण किया। जबकि 1,209 आंगनबाड़ी केन्द्रों का शिलान्यास किया है।

यहां राज्य मुख्यालय में राष्ट्रीय पोषण माह-2023 की शुरुआत करते हुए आंगनवाड़ी केंद्रों की सौगात के साथ ही 50 करोड़ रुपये की लागत से 171 बाल विकास परियोजना कार्यालयों का भी शिलान्यास किया। इस मौके पर सीएम योगी ने 02.90 लाख आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों एवं सहायिकाओं के बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से यूनिफॉर्म (साड़ी) हेतु 29 करोड़ रुपये की धनराशि का अन्तरण भी किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने तीन गर्भवती महिलाओं की गोदभराई तथा तीन बच्चों का अन्नप्राशन किया।

उन्होंने सम्भव अभियान के तहत कुपोषित से सुपोषित की श्रेणी में आये बच्चों के अभिभावकों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री जी ने आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों तथा सहायिकाओं को यूनिफॉर्म (साड़ी) वितरित की। इस अवसर पर राष्ट्रीय पोषण माह में आयोजित की जाने वाली गतिविधियों तथा तीव्र कुपोषित बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु चलाये जा रहे सम्भव अभियान पर आधारित 02 लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया गया।

प्रदेश में कुपोषण में बेहतर सुधार
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने कुपोषण के खिलाफ व्यापक अभियान प्रारम्भ करने के लिए पूरे देश को प्रेरित किया है, जिन्होंने वर्ष 2018 में राष्ट्रीय पोषण माह अभियान को प्रारम्भ किया था। इस वर्ष यह राष्ट्रीय पोषण माह की छठीं वर्षगांठ है। यूपी में पिछले 06 वर्षों में उत्तर प्रदेश में पोषण के क्षेत्र में किए गए कार्यों के अच्छे परिणाम सामने आए हैं और नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के आंकड़ों में उत्तर प्रदेश ने पोषण के क्षेत्र में लम्बी छलांग लगाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के वर्ष 2015-16 स्वास्थ्य सम्बन्धी आंकड़ों की तुलना में वर्ष 2019-21 के आंकड़ों के अनुसार बच्चों में एनीमिया के स्तर में 5.1 प्रतिशत, स्टटिंग अर्थात बौनापन में 6.6 प्रतिशत, अल्पवजन में 7.4 प्रतिशत तथा सूखापन में 0.6 प्रतिशत का सुधार हुआ है। इसी प्रकार प्रदेश में किशोरी बालिकाओं में एनीमिया की स्थिति में राष्ट्रीय औसत की तुलना में अच्छा सुधार हुआ है।

शिशु व मातृत्व मृत्यु दर में कमी
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में शिशु मृत्यु दर तथा मातृत्व मृत्यु दर भी घटी है। कुपोषण का कारण समय से पर्याप्त आहार न मिलने, प्रदूषित जल का सेवन तथा प्रदूषित वातावरण है। इसके लिए स्थानीय परिस्थितियां भी उत्तरदाई होती है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस से 01 से 15 वर्ष आयु के हजारों बच्चों की मृत्यु होती थीं। प्रदेश सरकार ने केन्द्र सरकार के साथ मिलकर तथा अन्तर्विभागीय समन्वय से कार्य किया। परिणामस्वरुप अब इंसेफेलाइटिस बीमारी प्रदेश से पूरी तरह समाप्त हो चुकी है। इंसेफेलाइटिस के विरुद्ध अभियान देश के बचपन को बचाने और राष्ट्र के भविष्य को संवारने का अभिनव प्रयास था, जिसमें प्रदेश को सफलता प्राप्त हुई। इस अवसर पर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव आईसीडीएस श्रीमती वीना कुमारी मीना, सचिव महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग श्रीमती अनामिका सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियां तथा सहायिकाएं उपस्थित थीं।

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