उत्तर प्रदेशराजनीति

यूपी में अब निराश्रित नहीं होगा गोवंश

मुख्यमंत्री योगी ने कहा पुख्ता होंगे भरण-पोषण के प्रबंध

प्रदेश में पोषण मिशन के तहत परिवारों को सौंपे गये 3,598 गोवंश
LP Live, Lucknow: उत्तर प्रदेश में गोवंश संरक्षण के लिए संचालित मुख्यमंत्री सहभगिता योजना के तहत जनसहयोग से अब तक 11.33 लाख गोवंश को संरक्षित किया जा चुका है। इस साल जनवरी से मार्च तक ही 01 लाख 77 हजार से अधिक गोवंश आमजन को सुपुर्द किए गए हैं। इनमें कुपोषित बच्चों वाले परिवार को दूध की उपलब्धता के लिए पोषण मिशन के अंतर्गत 3,598 गोवंश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को आयोजित लोकभवन में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में निराश्रित गोवंश आश्रय स्थलों के प्रबंधन और प्रदेश में दुग्ध उत्पादन और संग्रह की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। गोवंश की सेवा कर रहे सभी परिवारों को 900 प्रतिमाह की राशि हर महीने उपलब्ध कराने को कहा गया है। डीबीटी के माध्यम से धनराशि सीधे परिवार को भेजी जा रही है। गोवंश सत्यापन के लिए स्थानीय स्तर पर उपजिलाधिकारी स्तर के अधिकारी को नामित करने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक भी गोवंश निराश्रित नहीं होगा, इस दिशा में सबके आश्रय और भरण पोषण के व्यापक प्रबंध किये गये हैं।

प्रदेश में 6719 निराश्रित गोवंश संरक्षण स्थल
प्रदेश में वर्तमान में संचालित 6719 निराश्रित गोवंश संरक्षण स्थलों में 11 लाख 33 हजार से अधिक गोवंश संरक्षित हैं। बीते 20 जनवरी से 31 मार्च तक संचालित विशेष अभियान के तहत 1.77 लाख गोवंश संरक्षित किए गए। मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं कि प्रदेश के सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कोई भी गोवंश निराश्रित न हो। सरकार की योजना के तहत जनपद संभल, मथुरा, मीरजापुर, शाहजहांपुर, संतकबीरनगर, अमरोहा, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और फर्रुखाबाद में सर्वाधिक गोवंश संरक्षित किए गए हैं। अब तक 274 वृहद गोवंश संरक्षण केंद्र क्रियाशील हो गए हैं। आगामी छह माह में शेष 75 वृहद गोवंश स्थल तैयार कर लिए जाएंगे। सभी 17 नगर निगमों और नगर पालिका वाले जिला मुख्यालयों पर कैटल कैचर वाहन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये गये हैं। राज्य सरकार ने जनपद कानपुर, मुरादाबाद, गोरखपुर, आजमगढ़ और प्रयागराज में निजी क्षेत्र के सहयोग से नए डेयरी प्लांट स्थापित करने का निर्णय लिया है। इस सम्बंध में मंत्रिपरिषद के निर्णयानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाए।

अंत्येष्टि में 50 फीसदी गोवंश उपलो का प्रयोग
प्रदेश में गोवंश संरक्षण स्थलों पर केयर टेकर तैनात करने के निर्देश दिये गये, जहां गायों को समय-समय पर घुमाने भी ले जाना चहिए। गोवंश की बीमारी या मृत्यु की दशा में यह केयर टेकर सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करेगा। वहीं यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि अंत्येष्टि स्थल/श्मशान घाट पर उपयोग की जाने वाली कुल लकड़ी में 50 प्रतिशत गोवंश उपला/गोइठा का उपयोग किया जाए। यह उपला/गोइठा निराश्रित गोवंश स्थल से उपलब्ध कराया जाएगा। गोइठा से होने वाली आय उस गोवंश स्थल के प्रबंधन में उपयोग हो सकेगी।

दुग्ध पदार्थो की ऑनलाइन बिक्री
दुग्ध एवं दुग्ध पदार्थों की ऑनलाईन बिक्री की व्यवस्था हेतु ई-कामर्स पोर्टल paragdairy.com उपयोगी सिद्ध हो रहा है। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों मे पराग मित्र एवं ग्रामीण क्षेत्रों में महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ऑनलाइन दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों का विक्रय किया जा रहा है। ई-कामर्स पोर्टल के माध्यम से अब तक 71,068 उपभोक्ता, 89 महिला स्वंय सहायता समूह व 215 पराग मित्र जोड़े जा चुके हैं। ई-कामर्स पोर्टल के माध्यम से लगभग 6 करोड़ का व्यवसाय किया गया है। इसे और मजबूत बनाए जाने के लिए आवश्यक प्रयास किए जाएं।

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