महाकुम्भ: भगदड़ में 30 मृतकों में से 25 की पहचान
हादसे की न्यायिक जांच के आदेश, मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख की मदद


ग्रीन कॉरिडोर बनाकर मिनट टू मिनट दौड़ी 50 एंबुलेंस बनी श्रद्धालुओं की लाइफ लाइन
चिकित्सकों, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस टीमों ने तत्काल मोर्चा संभालकर स्थिति को संभाला
LP Live, Lucknow: मौनी अमावस्या के पर्व पर प्रयागराज महाकुंभ मेले में बुधवार की तड़के संगम नोज पर अचानक मची भगदड़ के कारण हुए हादसे में मारे गये 30 श्रद्धालुओं में से 25 की पहचान की जा चुकी है। सरकार ने इस हादसे की न्यायिक जांच के आदेश दिये हैं, वहीं मृतकों के आश्रितों को 25-25 लाख की आर्थिक मदद का ऐलान किया गया है।
प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के पर्व पर संगम नोज में हुए हादसे का अपडेट देते हुए बुधवार देर शाम मेलाधिकारी विजय किरण आनंद और डीआईजी वैभव कृष्ण ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि ब्रह्म मुहूर्त से पूर्व प्रातः एक बजे से 2 बजे के बीच मेला क्षेत्र में अखाड़ा मार्ग पर भारी भीड़ का दबाव बना। भीड़ के दबाव के कारण दूसरी ओर के बैरीकेड्स टूट गए और लोग बैरीकेड्स लांघकर दूसरी तरफ आ गए और ब्रह्म मुहूर्त पर स्नान का इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं को कुचलना शुरू कर दिया। शासन ने तत्काल राहत और बचाव कार्य करते हुए भीड़ को हटाया और एंबुलेंस के माध्यम से लगभग 90 घायलों को हॉस्पिटल पहुंचाया, लेकिन इसमें से दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से 30 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई है। इनमें से 25 की पहचान हो चुकी है और शेष की शिनाख्त की जानी बाकी है।इस हादसे में घायलों को तत्काल कुंभ में तैनात पुलिस बल, एंबुलेंस और अन्य बचाव दल एजेंसियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला और हादसे में घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एंबुलैंसों ने अनेक श्रद्धालुओं की जान बचाई। वहीं तत्काल ही राहत व बचाव कार्यो से स्थिति को नियंत्रित किया गया।
न्यायिक जांच के आदेश
योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में महाकुंभ मेले में स्नान के लिए मंगलवार देर रात मची भगदड़ के कारणों की जांच के लिए न्यायिक जांच का आदेश दिया। जांच आयोग की अध्यक्षता पूर्व न्यायमूर्ति हर्ष कुमार करेंगे और इसमें पूर्व आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) वीके गुप्ता और सेवानिवृत्त आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) बीके सिंह भी शामिल होंगे। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि न्यायिक जांच के साथ-साथ पूरे मामले की अलग से पुलिस जांच भी की जाएगी। उन्होंने कहा, “पूरे मामले की तह तक जाना जरूरी है कि ऐसी घटना कैसे हुई।” योगी ने कहा कि मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेश्क गहन जांच के लिए बृहस्पतिवार को महाकुंभ का दौरा करेंगे।
मृतकों के आश्रितों को मुआवजा
योगी सरकार ने पीड़ित परिवारों के लिए राहत राशि का ऐलान किया है। सरकार पीड़ित परिवारों को 25-25 लाख रुपए देने की घोषणा की है। इससे पहले योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि, मां गंगा के पास वाले घाट पर ही स्नान करें, संगम नोज की तरफ जाने की कोशिश न करें। स्नान के लिए कई स्नान घाट बनाए गए हैं। श्रद्धालु वहां जाकर स्नान कर सकते हैं। इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस महाकुंभ पर नजर बनाए हुए हैं। अब तक की जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीएम योगी से 4 बार फोन पर बात की है।

मृतकों में कर्नाटक, असम व गुजरात के श्रद्धालु भी शामिल
मृतकों में कुछ लोग बाहर के प्रदेशों से हैं, जिसमें कर्नाटक से 4, असम से एक, गुजरात से एक है। कुछ घायलों को परिवार के लोग लेकर चले गए हैं तथा 36 घायलों का इलाज स्थानीय मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला प्रशासन के द्वारा हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया गया है। इस समय स्थिति सामान्य है। 29 जनवरी को शासन ने सख्त निर्देश दिए थे कि कोई भी वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं होगा। आज मेला प्रशासन ने वीआईपी प्रोटोकॉल इंटरटेन नहीं किया। जो भी मुख्य स्नान पर्व हैं उस पर कोई वीआईपी प्रोटोकॉल लागू नहीं होगा।
व्यवस्था से सीमित हुआ हादसा
योगी सरकार की आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं और तत्परता की वजह से बड़े हादसे को सीमित कर दिया। घटना में प्रभावित लोगों को बचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाकर दो से तीन मिनट के भीतर 50 से अधिक एंबुलेंस संगम नोज पर पहुंच गईं। लोगों की जान बचाने के लिए एम्बुलेंस से 100 से अधिक राउंड लगाए गए। इसके साथ ही दो से तीन मिनट के भीतर एक्सपर्ट डॉक्टरों ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाला। इस मौके पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस टीम भी चिकित्सकों के साथ घायलों की मदद में जुटी रही। महाकुम्भनगर में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने तत्परता दिखाते हुए घायलों का उपचार किया। इसमें योगी सरकार की आपातकालीन एंबुलेंस सेवा की बड़ी भूमिका रही। हादसे के बाद ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एंबुलेंस पूरी रफ्तार से घटनास्थल तक पहुंचाई गईं। सिर्फ दो से तीन मिनट के भीतर एक्सपर्ट डॉक्टर और मेडिकल टीम ने मौके पर पहुंचकर प्राथमिक उपचार शुरू कर दिया।
घटनास्थल पर भी प्राथमिक उपचार
50 से अधिक एंबुलेंस ने बिना रुके फर्राटा भरी और घायलों को तत्काल केंद्रीय अस्पताल पहुंचाया। घटनास्थल पर ही घायलों को प्राथमिक उपचार देने के बाद गंभीर मरीजों को सेंट्रल हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां उनका इलाज किया गया। जिसके बाद मरीजों को रवाना कर दिया गया। जरूरत पड़ने पर कुछ मरीजों को स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल या तेज बहादुर सप्रू चिकित्सालय (बेली अस्पताल) शिफ्ट किया गया।
अस्पताल में अलर्ट
डॉक्टरों की सारी शिफ्ट एक हो गई। घायलों के इलाज के लिए 100 प्रतिशत यानी 1000 से ज्यादा मेडिकल स्टाफ अस्पताल में मौजूद रहा। सुबह और शाम की ड्यूटी वाले सभी डॉक्टर्स अस्पताल में मौजूद रहे। इसके अलावा, वार्ड बॉय और नर्स बड़ी संख्या में डॉक्टर के साथ घायलों को बचाने में लगे रहे। पूरे मेला क्षेत्र में अलग अलग लोकेशन से डॉक्टर मात्र 3 मिनट में अस्पताल पहुंच गए।
