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मध्य प्रदेश: बाल श्रम मामले में आबकारी विभाग के चार अधिकारी निलंबित

मोहन यादव सरकार का दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश
LP Live, Bhopal/raysen:राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग यानी एनसीपीसीआर ने बचाओ आंदोलन (बीबीए) के साथ मिलकर मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में शराब बनाने की एक नामी फैक्टरी पर छापेमारी की कार्रवाई की, जहां 58 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया, जिनमें 19 लड़कियां भी शामिल थी। इस मामले में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सख्ती दिखाते हुए आबकारी विभाग के चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।

गौरतलब है कि बचपन बचाओ आंदोलन की शिकायत पर एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो की अगुआई में शनिवार को ‘सोम डिस्टिलरी’ पर छापा मारा गया था, जहां से मुक्त कराए गये 58 बालश्रमिकों में 19 लड़कियां और 39 लड़के काम करते मिले। इस मामले में कानूनी कार्रवाई के तहत मध्य प्रदेश सरकार भी सख्त नजर आई और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर आबकारी आयुक्त ने प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी कन्हैयालाल अतुलकर और विभाग के तीन उप निरीक्षक प्रीति शैलेंद्र उईके, शेफाली वर्मा और मुकेश कुमार को निलंबित कर दिया है। मुख्यमंत्री ने इस मामले को बेहद गंभीर मानते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि रायसेन जिले में फैक्ट्री पर छापे के दौरान बाल श्रम का मामला उनके संज्ञान में आया है। यह बेहद गंभीर है। इस संबंध में श्रम, आबकारी और पुलिस विभाग के अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की है और समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। दोषियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर
उधर बचपन बचाओ आंदोलन के निदेशक मनीष शर्मा ने बताया कि इस शराब फैक्ट्री में काम करने वाले कई बच्चों की हाथों की खाल तक निकल गई थी। मसलन खतरनाक रसायनों और अल्कोहल के संपर्क में आने से खास तौर से इन बच्चों के हाथ और शरीर के अन्य हिस्से जले हुए थे। प्रशासन की आंख में धूल झोंकने के लिए इन बच्चों को स्कूल बस से डिस्टिलरी पहुंचाया जाता था, जहां इनसे मामूली तनख्वाह पर रोजाना 12-14 घंटे काम कराया जाता था। यह भी उल्लेखनीय है कि सोम डिस्टिलरीज एंड ब्रेवरीज शराब, बीयर और अन्य अल्कोहल उत्पाद बनाने वाली एक आईएसओ प्रमाणित कंपनी है। इस मामले में आबकारी अधिकारी के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है जिनका कार्यालय इसी डिस्टिलरी के परिसर में है। सरकारी नियमों के अनुसार किसी भी डिस्टिलरी के कामकाज की निगरानी के लिए उस डिस्टिलरी के परिसर में आबकारी अधिकारी की मौजूदगी अनिवार्य है।

जून ‘एक्शन मंथ’ अभियान
गौरतलब है कि इससे पहले 14 जून को एनसीपीसीआर ने बीबीए की शिकायत पर रायसेन जिले के ही मंडीदीप कस्बे में छापे की कार्रवाई में 25 लड़कियों सहित कुल 36 बाल मजदूरों को मुक्त कराया था। एनसीपीसीआर ने जून को ‘एक्शन मंथ’ घोषित कर रखा है और पूरे देश में बच्चों की ट्रैफिकिंग और उन्हें बाल मजदूरी से मुक्त कराने के इस अभियान में बीबीए उसका सहयोग कर रहा है।

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