Select Language :

Home » उत्तर प्रदेश » बेजुबान पशुओं के कल्याण की भावना के साथ करें कार्य: द्रोपदी मुर्मू

बेजुबान पशुओं के कल्याण की भावना के साथ करें कार्य: द्रोपदी मुर्मू

संस्थान ने हासिल कीं कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां: राष्ट्रपति
LP Live, Bareilly: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पशुओं को मानव जीवन का धन करार देते हुए कहा कि आधुनिक जीवनशैली की जिंदगी में किसान पशु के बिना आगे नहीं बढ़ सकते। उन्होंने कहा कि चिकित्सक या शोधकर्ता के रूप में कार्य करने वालों का आव्हान किया कि वे बेजुबान पशुओं के कल्याण की भावना के साथ अपने कार्य को करें, क्योंकि पशु व मानव का रिश्ता परिवार का है।

How to Make a News Portal

राष्ट्रपति राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने ये बात यहां के 11वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कही। राष्ट्रपति ने कहा कि 1889 में स्थापित इस संस्थान ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। राष्ट्रपति ने वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध कार्यों और इस संस्थान के नाम दर्ज अनेक पेटेंट्स, डिजाइन, कॉपीराइट्स की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि ‘प्रिवेंशन इज बेटर देन क्योर’ कहावत पशुओं के स्वास्थ्य के लिए भी पूरी तरह से लागू होती है। बीमारियों के रोकथाम में टीकाकरण की अहम भूमिका है। इस संस्थान के लिए गर्व का विषय़ है कि राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम में अनेक टीके यहीं पर विकसित किए गए। दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति मुर्मू ने 576 छात्रों को उपाधियां और 24 को पदक दिए गए। समारोह में उप्र की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी आदि मौजूद रहे।

गिद्धों के संरक्षण में सराहनीय कदम
राष्ट्रपति ने कहा कि गिद्धों के विलुप्त प्राय होने के पीछे पशु चिकित्सा में इस्तेमाल होने वाले रासायनिक दवाओं की भी भूमिका है। ऐसी दवाओं पर प्रतिबंध लगाना गिद्धों के संरक्षण की दिशा में सराहनीय कदम है। वैज्ञानिकों के इस दिशा में कदम उठाने पर राष्ट्रपति ने बधाई दी। कई प्रजातियां या तो विलुप्त हो गईं या विलुप्त होने के कगार पर हैं। इन प्रजातियों का संरक्षण पर्यावरण संतुलन के लिए बहुत आवश्यक हैं। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान जैसे संस्थान जैव विविधता को बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभाते हुए आदर्श प्रस्तुत करें।

पशु चिकित्सा के क्षेत्र आगे बेटियां
राष्ट्रपति ने उपाधि व पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में छात्राओं की बड़ी संख्या देखकर गर्व हो रहा है कि बेटियां अन्य क्षेत्र की तरह पशु चिकित्सा के क्षेत्र में भी आगे आ रही हैं, यह शुभ संकेत है। राष्ट्रपति ने कैटल शेड की चर्चा करते हुए कहा कि मां, बहन गायों की सेवा करती थीं। गायों व पशुओं से माता-बहनों का जुड़ाव अधिक है। इस क्षेत्र में बेटियों का जुड़ाव देखकर बहुत अच्छा लगा। उन्होंने विद्यार्थियों को उपाधि व मेडल भी प्रदान किया।

पशु विज्ञान इनक्यूबेटर की भूमिका
राष्ट्रपति ने कहा कि पशु विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में उद्यमिता व स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए इस संस्थान में पशु विज्ञान इनक्यूबेटर कार्यरत है। इस सुविधा का लाभ लेते हुए उद्यम स्थापित करने चाहिए। इससे न केवल जरूरतमंदों को रोजगार दे पाएंगे, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी योगदान कर पाएंगे। विश्व भर के प्रतिष्ठित संस्थानों, उद्यमों, सेवारत पूर्व विद्यार्थी भी इसमें मार्गदर्शन कर सकते हैं।

मानव, जानवर, वनस्पति व पर्यावरण एक-दूसरे पर आश्रित
राष्ट्रपति ने कहा कि वन हेल्थ की अवधारणा महत्व प्राप्त कर रही है। माना जाता है कि मानव, घरेलू तथा जंगली जानवर, वनस्पति व व्यापक पर्यावरण एक-दूसरे पर आश्रित हैं। हमें अपनी परंपरा व इस अवधारणा का अनुसरण करते हुए पशु कल्याण के लिए प्रयास करना चााहिए। प्रमुख पशु संस्थान के रूप में इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट जेनेटिक बीमारियों के नियंत्रण व रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। ईश्वर ने मनुष्य को जो सोचने-समझने की शक्ति दी है। उसका उपयोग जीव-जंतुओं के कल्याण के लिए किया जाना चाहिए।

Share this post:

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

खबरें और भी हैं...

वोट करें

Are You Satisfied Lokpath Live

Our Visitor

0 3 0 6 9 9
Total views : 88733

Follow us on