बुंदेलखंड बनेगा ‘वाइल्ड लाइफ टूरिज्म’ का हब
चित्रकूट में टाइगर और ललितपुर में भालू रिजर्व का प्रस्ताव
झांसी में चिड़ियाघर बनाने की तैयारियां शुरू
LP Live, Desk: यूपी सरकार ने बुंदेलखंड क्षेत्र में वाइल्ड लाइफ टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू कर दी हैं। इनमें जहां चित्रकूट में टाइगर रिजर्व को मंजूरी देकर काम शुरू कर दिया गया है, तो वहीं ललितपुर में भालू रिजर्व बनाने का प्रस्ताव है। सरकार ने झांसी के गढ़मऊ में प्रदेश का सबसे बड़ा चिड़ियाघर बनाने की तैयारी शुरू कर दी है।
उत्तर प्रदेश में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सरकार ने बुंदेलखंड में वाइल्ड लाइफ टूरिज्म के एक प्रमुख केंद्र को विकसित करने की दिशा में प्राकृतिक विविधताओं से भरपूर ऐसे क्षेत्रों में योजनाएं शुरु की हैं, जहां ऐसे सुविधाओं को विस्तार दिया जा सके। यूपी के बुंदेलखंड को वाइल्ड लाइफ टूरिज्म का हब बनाने के प्रयासों के बीच योगी सरकार ने कई जिलों में ऐसी संभावनाओं को तलाशते हुए योजनाओं का खाका तैयार ही नहीं किया, बल्कि ऐसी योजनाओं पर काम भी शुरू कर दिया गया है।
टाइगर रिजर्व को मंजूरी
चित्रकूट स्थित रानीपुर सेंचुरी को टाइगर रिजर्व बनाने के प्रोजेक्ट को यूपी कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद इसके लिए काम भी शुरू हो गया है। इस टाइगर रिजर्व को करीब 529 वर्ग किमी क्षेत्रफल में विकसित किया जा रहा है। इसके काम को दो साल में पूरा करने का लक्ष्य है, जहां रोजगार सृजन की संभावनाएं भी बढ़ जाएगी।
ललितपुर में भालू रिजर्व
ललितपुर में भालू-रीछ संरक्षण केंद्र बनाने की तैयारी है। मड़ावरा क्षेत्र में भालू और रीछों की काफी संख्या में मौजूदगी को देखते हुए इसका प्रस्ताव स्थानीय स्तर पर तैयार कर मुख्यालय भेजा गया है। मड़ावरा वन रेंज में लगभग 8500 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में फैला जंगल है, जिसमें लगभग 200 भालू और रीछ होने का अनुमान है। इन्हें संरक्षित करने के मकसद से यहां संरक्षण केंद्र बनाने की तैयारी शुरू हुई है।
झांसी में एनिमल सफारी
सरकार की योजना के तहत झांसी के गढ़मऊ में लगभग 125 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में एनिमल सफारी या चिड़ियाघर बनाने की तैयारी चल रही है। गढ़मऊ झील के निकट वन विभाग के अधिकारी एनिमल सफारी या चिड़ियाघर को विकसित करने की संभावनाओं को तलाश रहे हैं। इस संबंध में शासन को पत्र भी भेजा गया है। प्राकृतिक खूबसूरती से भरपूर यह स्थान पर्यटन के एक प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकता है।
रोजगार व विकास की संभावना
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के पर्यटन और होटल प्रबंधन संस्थान के निदेशक डॉ. सुनील काबिया कहते हैं कि बुंदेलखंड क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति में वाइल्ड लाइफ टूरिज्म को विकसित करने की काफी संभावनाएं हैं। देश के मध्य भाग में स्थित होने के कारण इसे अन्य पर्यटन स्थलों से जोड़कर सर्किट के रूप में भी विकसित किया है। सरकार इस क्षेत्र में जिन योजनाओं पर काम कर रही है, वे यहां पर्यटकों को आकर्षित करने के साथ ही रोजगार और विकास की संभावनाओं को बढ़ावा देगी।