केंद्र सरकार आतंकवाद के खिलाफ अपना रही है जीरो टॉलरेंस की नीति
LP Live, New Delhi: राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस की नीति के लिए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत एक व्यक्ति को आतंकवादी और दो संगठनों को आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार केंद्र सरकार ने किसी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने का प्रावधान शामिल करने के लिए अगस्त 2019 में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) में संशोधन किया था। इस संशोधन के बाद संगठनों को आतंकवादी संगठन घोषित करने के साथ उसमें शामिल लोगों को भी आतंकवादी घोषित करने का प्रावधान है। अब तक यूएपीए के तहत केंद्र सरकार 54 व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित कर चुकी है। मंत्रालय के अनुसार शुक्रवार को आतंकवादी संगठन बब्बर खलासा इंटरनेशनल से जुड़े हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा को आतंकवादी घोषित किया गया है। संधू फिलहाल सीमापार एजेंसियों के संरक्षण में पाकिस्तान के लाहौर में है और उसे विशेष रूप से पंजाब में विभिन्न आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त पाया गया है।
इन संगठनों पर लगी आतंकी संगठन की मुहर
मंत्रालय के अनुसार आतंकवादी संगठन घोषित किये गये खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) एक उग्रवादी संगठन है और इसका उद्देश्य पंजाब में दोबारा आतंकवाद फैलाना है और यह भारत की क्षेत्रीय अखंडता, एकता, राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता को चुनौती देता है और पंजाब में टारगेटेड हत्याओं सहित विभिन्न आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देता है। जबकि केंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में घुसपैठ की कोशिशों, नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी और आतंकी हमलों को अंजाम देने में लिप्त जम्मू और कश्मीर ग़ज़नवी फोर्स (जेकेजीएफ) लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, तहरीक-उल-मुजाहिदीन, हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी आदि जैसे विभिन्न आतंकवादी संगठनों से अपने सदस्यों की भर्ती करता है। इन दोनों संगठनों को आतंकवादी संगठन घोषित करने के साथ अब अधिनियम की पहली अनुसूची के तहत 44 संगठनों को आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है।