पेरिस पैरालंपिक: मेरठ की प्रीति पाल ने पदक जीतकर रचा इतिहास
भारत की झोली में आए तीनों पदक महिला खिलाड़ियों ने दिलाए
बिना पैरो दौड़कर देश के साथ बढ़ाया पाल बघेल समाज का गौरव
LP Live, New Delhi: पेरिस पैरालंपिक में एथलेटिक्स स्पर्धा में यूपी के मेरठ जिले प्रीति पाल ने इतिहास रचते हुए भारत की झोली में पदक डाला है। भारत के हिस्से में अभी तक आए तीनों पदक महिला खिलाड़ियों ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए दिलाए हैं। कांस्य पदक जीतने पर प्रीति पाल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बधाई दी है।
भारतीय दल की ओर से महिला एथेलीट प्रीति पाल ने पेरिस पैरालंपिक में शुक्रवार को 100 मीटर टी35 स्पर्धा में 14.21 सेकंड के समय के साथ कांस्य पदक जीता। पैरा खेलों में ट्रैक इवेंट में यह भारत का पहला पदक है। इस पैरालंपिक में भारत के लिए अभी तक तीनों मेडल महिलाओं ने जीते हैं। इससे पहले शूटिंग में अवनि लेखरा और मोना अग्रवाल ने भारत के लिए पदक हासिल किये हैं। प्रीति पाल ने यह पदक जीतकर भारत के लिए एक इतिहास रचा है।पेरिस पैरालंपिक में अभी प्रीति 200 मीटर स्पर्धा में भी हिस्सा लेगी, जिससे उसे एक ओर पदक जीतने की उम्मीद कायम है।
कौन है प्रीति पाल
उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में कसेरू बक्सर की रहने वाली प्रीति पाल धनगर, बघेल, पाल समाज की बेटी है। प्रीति पाल का जन्म एक किसान परिवार में हुआ। जन्म के 6 दिन बाद ही उनके शरीर के निचले हिस्से को प्लास्टर में बांधना पड़ा। कमजोर पैर और असामान्य पैर की स्थिति के कारण उन्हें कई बीमारियों का खतरा था। उनकी स्थिति को सुधारने के लिए उन्होंने पारंपरिक इलाज कराए। पांच साल की उम्र में उन्होंने कैलिपर पहनना शुरू किया और 8 सालों तक उसका इस्तेमाल किया। कई लोगों ने यह तक कहा था कि उनका जिंदा रहना मुश्किल है, लेकिन प्रीति ने संघर्ष और साहस के साथ मौत की जंग को लड़कर एक सच्चे फाइटर की मिसाल पेश की। उनके पिता अनिल कुमार डेयरी चलाते हैं। जब 17 साल की उम्र में प्रीति का नजरिया तब बदला जब उन्होंने सोशल मीडिया पर पैरालंपिक खेलों को देखा। इससे प्रीति इतना प्रेरित हुईं कि उन्होंने अपने सपनों की ओर बढ़ने का फैसला लिया। प्रीति ने फिर लगातार अभ्यास किया और आर्थिक तंगी से जूझने के बावजूद उन्होंने अपने सपने को पूरा करने की जिद्द ठानी। उनकी जिदंगी तब बदली जब उन्होंने पैरालंपिक एथलीट फातिमा खातून से मुलाकात की, जिन्होंने उन्हें पैरा-एथलेटिक्स के प्रति उन्हें गाइड किया।
प्रीति का शानदार प्रदर्शन
पेरिस पैरालंपिक खेलों में भारतीय महिला एथलीट प्रीति पाल ने 14.21 सेकंड का अपना पर्सनल बेस्ट समय देकर रेस को पूरा किया। चीन की जिया झोउ और कियानकियान गुओ से पीछे रहा। चीन को इवेंट का गोल्ड और सिल्वर दोनों मिला। 23 साल की प्रीति पाल पहली बार पैरालंपिक में हिस्सा ले रही हैं। उन्होंने इसी साल मई में वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में महिलाओं की 200 मीटर टी 35 में कांस्य पदक हासिल किया था। पैरालंपिक खेलों में टी35 श्रेणी उन एथलीटों के लिए है जिन्हें हाइपरटोनिया, अटैक्सिया, एथेटोसिस और सेरेब्रल पाल्सी जैसे समन्वय संबंधी विकार हैं। प्रीति पाल इस साल की शुरुआत से ही धूम मचा रही हैं। उन्होंने मार्च 2024 में बेंगलुरु में आयोजित 6वीं इंडियन ओपन पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में दो गोल्ड मेडल जीतकर मजबूत शुरुआत की थी।