झारखंड को मिली 35,747 करोड़ रुपए की विकास योजनाओं की सौगात
LP Live, Dhanbad: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड को 35,747 करोड़ रुपए की विकास योजनाओं की सौगात दी है। उन्होंने सिंदरी उर्वरक संयंत्र (हर्ल कारखाने)का निरीक्षण करने के बाद उसे देश को समर्पित किया। वहीं पीएम मोदी ने राज्य को रेलवे परियोजनाओं समेत अनेक विकास परियोनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन किया।
राज्य के धनबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के साथ पीएम मोदी ने देश की सबसे पुरानी उर्वरक नगरी सिंदरी में 8939 करोड़ की लागत से स्थापित नए उर्वरक कारखाने का लोकार्पण किया। सिंदरी उर्वरक संयंत्र का लोकार्पण करने के साथ ही उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए देवघर से गोड्डा को सीधे जोड़ने वाली मोहनपुर-हंसडीहा नई रेल लाइन का उद्घाटन और देवघर-डिब्रूगढ़ ट्रेन का शुभारंभ भी किया। इसके अलावा उन्होंने सोन नगर-अंडाल को जोड़ने वाली तीसरी और चौथी लाइन, टोरी-शिवपुर पहली और दूसरी तथा बिराटोली-शिवपुर तीसरी रेलवे लाइन (टोरी-शिवपुर परियोजना का हिस्सा), मोहनपुर-हंसडीहा नयी रेल लाइन, धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन सेवाएं भी शुरु की हैं। प्रधान मंत्री के हाथों देवघर से गोड्डा को सीधे जोड़ने वाली मोहनपुर-हंसडीहा नई रेल लाइन के उद्घाटन से इलाके के लाखों लोगों की मांग भी पूरी हो जाएगी। रेलवे के अनुसार 753.48 करोड़ की लागत से मोहनपुर-हंसडीहा रेल लाइन का निर्माण हुआ है। इसकी लंबाई 38.110 किलोमीटर है। इस नयी रेल लाइन पर पहली बार चलने वाली देवघर-डिब्रूगढ़ मार्ग पर ट्रेन चलने से देवघर, भागलपुर, मुंगेर, खगड़िया और कटिहार जैसे शहर कनेक्ट होंगे। इसके पहले डिब्रूगढ़ से नॉर्थ बैंक होते हुए देवघर तक सीधी रेल कनेक्टिविटी नहीं थी।
मोदी की गारंटी हुई पूरी
पीएम ने कार्यक्रम के दौरान सभा को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने हर्ल कारखाने को शुरू करने का संकल्प लिया था। ये मोदी की गारंटी थी और आज ये गारंटी पूरी हुई। पीएम ने कहा कि वह आदिवासी समाज के लोग, जनता को धन्यवाद देते हैं कि आज यहां सिंदरी उर्वरक प्लांट का लोकार्पण किया गया है। उन्होंने संकल्प लिया था कि सिंदरी के इस कारखाने को जरूर शुरू करवाउंगा। यह मोदी की गारंटी थी, जो आज पूरी हुई है।
पीएम मोदी ने रखी थी आधारशिला
गौरतलब है कि झारखंड के सिंदरी में स्थित देश का सबसे पहला उर्वरक कारखाना 2 मार्च 1951 को शुरू हुआ था, लेकिन तकनीक पुरानी पड़ जाने और लगातार नुकसान की वजह से यह कारखाना 31 दिसंबर 2002 को बंद कर दिया गया था। अब इसकी जगह हिन्दुस्तान उर्वरक एंड रसायन लिमिटेड के नये संयंत्र का पिछले साल निर्माण किया गया है। यहां से व्यावसायिक उत्पादन की शुरुआत भी हो चुकी है, लेकिन अब तक इस नए संयंत्र का औपचारिक उद्घाटन नहीं हुआ है। इस कारखाने के पुनरुद्धार में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यक्तिगत तौर पर दिलचस्पी ली थी। 25 मई, 2018 को उन्होंने खुद कारखाने के पुनर्निर्माण की आधारशिला रखी थी।
3850 टन यूरिया उत्पादन का लक्ष्य
यह उर्वरक संयंत्र कोल इंडिया लिमिटेड और एनटीपीसी का संयुक्त उपक्रम है। इस संयंत्र से प्रतिदिन 2250 मीट्रिक टन अमोनिया और 3850 टन यूरिया के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यहां से उत्पादित होने वाला यूरिया नीम कोटेड होगा। कृषि के लिए इसे आदर्श उर्वरक माना जाता है। हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (हर्ल) के प्रबंध निदेशक एसपी मोहंती ने बताया कि 8939.25 करोड़ रुपये की लागत से लगभग चार साल में निर्मित हर्ल प्रोजेक्ट से इस साल 10 लाख मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन किया गया। आने वाले वर्ष में हमें सालाना 12 लाख मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन करना है।